CAA को लेकर हिंसा पर UP सरकार सख्त
नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन में 19 लोगों के मारे जाने के बाद आठ जिलों ने उस दौरान सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के लिए नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, 180 दंगाईयों (सरकार इन प्रदर्शनकारियों को दंगाई मान रही है) को लगभग 1.9 करोड़ (19 मिलियन) रुपए के नुकसान की भरपाई करने के लिए नोटिस जारी किया गया है।
नोटिस में ज्यादातर उन लोगों के नाम शामिल हैं जिनकी पहचान विरोध-प्रदर्शन और गिरफ्तारी के दौरान लिए गए वीडियो या तस्वीरों के स्कैन के जरिए की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 दिसंबर को अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि वे प्रदर्शनकारियों की पहचान करके उनसे नुकसान की भरपाई करें, जिसके बाद यह कार्रवाई शुरू की गई है।
रामपुर प्रशासन ने पिछले सप्ताह नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वाले 28 लोगों को नोटिस भेजा है और सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को हुए नुकसान को लेकर अपना पक्ष स्पष्ट करने या भुगतान करने को कहा है। अधिकारियों ने बुधवार (25 दिसंबर) को बताया कि रामपुर जिले में पुलिस प्रशासन ने लगभग 25 लाख रुपये के नुकसान का आकलन किया है। सभी लोगों को नोटिस मंगलवार (24 दिसंबर) को भेजा गया। पुलिस ने पहले कहा था कि नुकसान लगभग 15 लाख रुपये का है, लेकिन अंतिम आकलन में यह 25 लाख रुपये निकला।
रामपुर के जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने भाषा को बताया कि प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वाले 28 लोगों को नोटिस भेजा गया है। उन्हें जवाब के लिए सात दिन का समय दिया गया है। अगर उनका जवाब नहीं आता है तो सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए उनसे धन की वसूली की जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि रामपुर में बीते शनिवार (21 दिसंबर) हिंसक प्रदर्शन के दौरान 22 साल के एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गयी थी। कई स्थानीय लोग एवं पुलिसकर्मी घायल हुए थे। पुलिस की एक मोटरसाइकिल सहित छह वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। पुलिस के मुताबिक रामपुर में हिंसा के सिलसिले में अब तक 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 150 से अधिक लोगों को चिन्हित किया गया है।
गोरखपुर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन में शामिल 33 लोगों को पुलिस ने नोटिस भेजा है। उनके खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी है जबकि 1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी एफआईआर है। पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों के फोटो जारी किये हैं और ऐलान किया है कि उनके बारे सूचित करने वाले को इनाम दिया जाएगा। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार (25 दिसंबर) को बताया कि अब तक 26 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। पुलिस की ओर से जारी फोटो के आधार पर अन्य कई लोगों को पकड़ा गया है। घर से भागे या फरार लोगों को नोटिस भेजा जा रहा है।
कोतवाली क्षेत्राधिकारी वी पी सिंह ने बताया कि आरोपियों को नोटिस भेजकर संबंधित थाने पहुंचने को कहा गया है और यह भी कहा गया है कि वह गुरुवार (26 दिसंबर) तक अपना पक्ष रख दें। अगर वे नहीं आते हैं तो उनकी संपत्तियां जब्त की जाएंगी। जिला प्रशासन की एक टीम ने इस बीच आज बुधवार को हिंसा प्रभावित रेती, नक्खास और घंटाघर इलाकों का दौरा किया और हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान का जायजा लिया। उधर आने वाले शुक्रवार को जुमे की नमाज के मददेनजर पुलिस प्रशासन एलर्ट है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए रिहर्सल भी किया जा रहा है।
कानपुर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामलों की जांच के लिए बुधवार (25 दिसंबर) को विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया। कानपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया कि एसआईटी का नेतृत्व अपर पुलिस अधीक्षक (अपराध) करेंगे और इसमें पांच पुलिस अधिकारी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी को चार मामले हस्तांतरित कर दिये गये हैं, जिनमें तीन मामले बेकनगंज थाने के और एक मामला बाबूपुरवा थाने का है।
अग्रवाल ने बताया कि एसआईटी दोषियों का पता लगाने के लिए आधुनिक इलेक्ट्रानिक उपकरणों का प्रयोग करेगी क्योंकि दंगाइयों ने सोशल मीडिया और व्हाटसऐप का भरपूर इस्तेमाल किया था। एसएसपी अनंत देव तिवारी ने बताया कि बेकनगंज और बाबूपुरवा के थाना प्रभारियों को एसआईटी के साथ पूर्ण सहयोग करने के लिए कहा गया है। शनिवार (21 दिसंबर) को हिंसक प्रदर्शनकारियों ने यतीमखाना पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था और पुलिस पर जमकर पथराव किया था। शुक्रवार (20 दिसंबर) को हुए हिंसक प्रदर्शन में दो लोगों की मौत हो गयी थी। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पडे और लाठीचार्ज करना पड़ा।
बिजनौर में 43 लोगों को वसूली नोटिस
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में बिजनौर में 20 दिसंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान का आकलन करने के बाद जिला प्रशासन ने 43 लोगों को वसूली नोटिस भेजा है। इस सिलसिले में 146 गिरफ्तारियां की गई हैं। हिंसक प्रदर्शनों के बाद जिलाधिकारी रमाकांत पांडेय और एसपी संजीव त्यागी ने पहली बार पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि 20 दिसंबर को नमाज के बाद हुई हिंसा में संपत्ति के नुकसान के दावों की सुनवाई के लिए एडीएम वित्त व राजस्व के नेतृत्व में टीम गठित की गयी है। उन्होंने बताया कि नहटौर में हुई दो मौतों की मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिए गये हैं।