भू-माफिया घनश्याम राजपूत गिरफ़्तार, गिरफ़्तारी पर था 20 हज़ार रु का इनाम
भोपाल
भोपाल (Bhopal) कोलार पुलिस ने फरार भू-माफिया (land mafia) घनश्याम राजपूत (ghanshyam rajput) को गिरफ्तार (arrested) कर लिया है. हाल ही में पुलिस (police) ने उसकी गिरफ़्तारी पर 20 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था. राजपूत के खिलाफ हाउसिंग सोसायटी और प्लॉट आवंटन में करोड़ों की धोख़ाधड़ी का केस दर्ज है.आरोपी भाजपा में प्रधानमंत्री जनकल्याण योजना प्रकोष्ठ का प्रदेश सह संयोजक है.
भोपाल डीआईजी इरशाद वली ने हाल ही में पुलिस की ओर से घनश्याम राजपूत की गिरफ़्तारी पर इनाम की घोषणा की थी. आरोपी के खिलाफ रोहित गृह निर्माण सोसायटी के नाम पर 22.70 करोड़ की हेराफेरी के मामले में EOW ने FIR दर्ज की थी.उसके बाद प्रशासन ने घनश्याम राजपूत के अवैध निर्माण पर कार्रवाई की थी. उसके खिलाफ कोलार और चुनाभट्टी थाने में भी FIR दर्ज हैं.गिरफ्तार आरोपी भाजपा में प्रधानमंत्री जनकल्याण योजना प्रकोष्ठ का प्रदेश सह संयोजक है.
भोपाल पुलिस लगातार घनश्याम राजपूत की तलाश में जुटी थी लेकिन आरोपी का कहीं सुराग नहीं मिल रहा था.पुलिस की कार्रवाई से डरकर वो फरार हो गया था. घनश्याम पर रोहित सोसायटी के नाम पर 22.70 करोड़ की हेराफेरी करने के आरोप लगे है. उसके साथ हाउसिंग सोसायटी के 24 अन्य पदाधिकारियों पर भी EOW ने FIR दर्ज की थी. राजपूत के खिलाफ फर्जीवाड़े की पहली शिकायत EOW में 2009 में दर्ज हुई थी.
इन सबसे बचने के लिए उस समय घनश्याम ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली थी और अपने समाज का अध्यक्ष भी बन गया था. उसके रसूख की वजह से कई साल तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी विधानसभा में यह आरोप लगाया था कि रोहित सोसायटी में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और उनके करीबियों को भी नियम विरूद्ध प्लॉट दिए गए थे. राजपूत ने खुद अपने और पत्नी संध्या सिंह के नाम से सोसायटी में 2003 में दो प्लॉट लिए थे.इसके बाद 2005 में वो खुद सोसायटी में शामिल हो गया. आरोप लगा कि उसमें उसने संस्था के अकाउंट से करोड़ों की हेराफेरी की थी और सोसायटी के रिकॉर्ड को जानबूझकर गायब कर दिया था.
रेलवे में क्लर्क था राजपूतघनश्याम राजपूत रेलवे में क्लर्क था. 28 फरवरी 2007 को CBI ने उसके घर से रोहित सोसायटी की 137 बेनामी संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए थे.उसके बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया था. घनश्याम राजपूत क्षत्रिय महासभा का अध्यक्ष भी है. वो बीजेपी नेताओं के संपर्क में आकर जांच एजेंसियों को गुमराह करता रहा.वर्तमान में वो भाजपा में प्रधानमंत्री जनकल्याण योजना प्रकोष्ठ का प्रदेश सह संयोजक है. उसके खिलाफ आरोप है कि 350 लोगों को प्लॉट का झांसा देकर उसने 16 करोड़ वसूले.लेकिन प्लॉट किसी को नहीं दिया. फरवरी 2012 में राजपूत ने जिला प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत से 350 पात्र सदस्यों को प्लॉट देने का भरोसा देकर पैसे जमा करवाए थे.यह राशि 16 करोड़ रुपए से ज्यादा थी.आरोप है कि राजपूत ने संस्था के अकाउंट से यह राशि निकाल ली और फिर प्लॉट देने से इनकार कर दिया.