यूपी में नए साल से बस का सफर होगा महंगा
लखनऊ
नए साल में यूपी की जनता की जेब पर बोझ और बढ़ने जा रहा है। रोडवेज बसों में यात्री भाड़ा 10 फीसद तक बढ़ने से जहां सफर महंगा हो जाएगा, वहीं वाणिज्य कर मुख्यालय की तरफ से शासन को भेजे गए प्रस्ताव पर मुहर लगते ही पेट्रोल 26 और डीजल 59 पैसे और महंगा जाएगा।
परिवहन निगम प्रबंध तंत्र मौजूदा भाड़े को 10 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव 27 दिसम्बर को होने वाली बोर्ड बैठक में रख सकता है। इस प्रस्ताव पर परिवहन विभाग के आला अफसरों की मंजूरी ले ली गई है। अब सरकार को किराया बढ़ाने के इस प्रस्ताव पर अपनी हरी झंडी दिखानी है।
दो साल नहीं बढ़ा किराया
निगम प्रबंध तंत्र ने तैयार प्रस्ताव में बताया गया है कि पिछले दो सालों से रोडवेज बसों में यात्री भाड़ा नहीं बढ़ा है, जबकि डीजल के दामों में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। निगम के बेड़े में साधारण, जनरथ व लग्जरी की करीब 12 हजार बसें हैं। इन बसों के संचालन में परिवहन निगम का कारोबार करीब चार हजार करोड़ रुपए सालाना का है।
सातवां वेतनमान देने से बढ़ा बोझ
इस चार हजार करोड़ रुपए में परिवहन निगम को 35 फीसदी डीजल में और 33 फीसदी कर्मचारियों के वेतन में खर्च करना पड़ता है। प्रस्ताव में इस बात का भी जिक्र है कि कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने से निगम पर आर्थिक बोझ काफी बढ़ गया है। इसलिए यात्री भाड़ा 10 फीसदी तक बढ़ाना जरूरी हो गया है। बाकी रकम बसों के मेंटीनेंस, नई बसों को खरीदने और नए बस स्टेशनों को बनाने और उनके रखरखाव पर खर्च होती है।
सीएम की अनुमति के बाद अंतिम फैसला
प्रदेश में पेट्रोल और डीजल की दरों में जल्द ही आंशिक वृद्धि की तैयारी है। इसके लिए मूल्य संवर्धित कर (वैट) की दर में आंशिक संशोधन किया जाएगा। वाणिज्य कर मुख्यालय द्वारा शासन को भेजे गए प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। मुख्यमंत्री से अनुमति के बाद इस पर अंतिम फैसला होगा।