उर्जा संरक्षण से होगी पर्यावरण सुरक्षा और धन की बचत : मंत्री प्रियव्रत सिंह
भोपाल
ऊर्जा सरंक्षण सप्ताह के समापन परऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने बिजली उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे बिजली का सदुपयोग करें और बिजली बचत पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा है कि ऊर्जा संरक्षण से पर्यावरण सुरक्षा तथा स्वयं के धन की बचत के साथ ही नागरिक राज्य और राष्ट्र की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान भी दे सकते हैं। बिजली कंपनी के अधिकारियों ने सलाह दी है कि घरों में उपयोग होने वाले उपकरणों का प्रयोग यथासंभव एक साथ न करें क्योंकि ऐसा करने से वायरिंग में विद्युत क्षति बढ़ जाती है। सुबह एवं शाम 6 से 9 बजे तक अधिक भार वाले विद्युत उपकरणों का कम से कम प्रयोग करें क्योंकि यह समय अधिकतम विद्युत मांग का होता है। वार्षिक विद्युत खपत का लगभग 9 प्रतिशत केवल प्रकाश व्यवस्था पर खर्च होता है। टी.वी. को स्टैण्डबाई मोड पर न रखने से एक वर्ष मे लगभग 70 यूनिट विद्युत की बचत हो सकती है। ब्यूरो ऑफ एनर्जी इफिशिएंसी द्वारा प्रमाणित कम से कम तीन सितारा चिन्हित ऊर्जा सक्षम उपकरणों का क्रय करने से ऊर्जा की खपत कम की जा सकती है।
विवरण एलईडी सीएफएल साधारण बल्ब
वॉट (खपत) 7 वॉट 14 वॉट 60 वॉट
ऊर्जा क्षमता 88% 50% 0
बिजली बिल में वार्षिक बचत (प्रति बल्ब रूपए) 140-400 85 निरंक
आयु घंटों में 25000 8000 1200
नि:शुल्क वारंटी 3 वर्ष 1 वर्ष निरंक
कम्प्यूटर- यदि एक कंप्यूटर 24 घंटे चालू रखा जाए तो वह एक ऊर्जा-दक्ष फ्रिज से अधिक विद्युत खर्च करता है। अत: उपयोग न होने पर कंप्यूटर बंद रखें। कंप्यूटर के मॉनिटर एवं कॉपीअर्स को स्लीप मोड में रखने से लगभग 40 प्रतिशत ऊर्जा की बचत होती है।
एलईडी बल्ब – वर्तमान में एल.ई.डी बल्ब ऊर्जा बचत के अति उत्तम विकल्प हैं। एल.ई.डी. बल्ब बार-बार चालू/बंद करने से उनकी उम्र पर असर नहीं पडता है जबकि साधारण बल्ब जल्दी ही फ्यूज हो जाता है। 40 वॉट के साधारण बल्ब के प्रकाश के बराबर के प्रकाश के लिए 4 से 5 वॉट क्षमता के एलईडी बल्ब की आवश्यकता होती है। एल.ई.डी. बल्ब परम्परागत बल्ब की तुलना में 10 गुना अधिक प्रकाश देते हैं एवं इनकी आयु सामान्य बल्ब की तुलना में 10 गुना अधिक होती है। भारत सरकार द्वारा ऊर्जा की बचत के लिए ‘’उजाला कार्यक्रम’’ में साधारण बल्ब एवं सीएफएल को हटाकर एलईडी बल्ब घरेलू भवनों में लगाए जा रहे हैं।
रूफ टॉप सोलर पैनल- सौर ऊर्जा मिशन के पायलट प्रोजेक्ट में भारत सरकार के गैर-परंपरागत ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 100 किलोवाट से 500 किलोवाट के रूफ टॉप सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। सोलर एनर्जी कार्पोरेशन ऑफ इंडिया नोडल एजेंसी के रूप में कार्य कर रही है। के.डब्ल्यू.एफ. रूफ टॉप पैनल के लिए सामान्यत: 100 वर्गफुट छत की आवश्यकता होती है। आवासीय घरों के लिए एक से पाँच के.डब्ल्यू. क्ष्रमता के पैनल पर्याप्त होते हैं। सौर प्रणाली कर उपयोग करने से छत की जगह का सदुपयोग होता है एवं धन की भी बचत होती है। इससे कार्बन उत्सर्जन भी कम होता है, जिससे पर्यावरण भी संरक्षित रहता है।
विवरण साधारण पंखे बीईई स्टार रेटेड पंखे उच्चदक्षता कीमत रूपए 1500 रूपए 1940 रूपए 2600
नियामक लागत रूपए 200 रूपए 200 रूपए 00
वॉट क्षमता 75 वॉट 50 वॉट 35 वॉट
हवा का वितरण 230 क्यूबिक मीटर/मिनिट 210-220 क्यूबिक मीटर/मिनिट 230 क्यूबिक मीटर/मिनिट
प्रतिवर्ष खपत यूनिट 180 यूनिट 120 यूनिट 84 यूनिट
प्रतिवर्ष बिजली की लागत रूपए 900 रूपए 600 रूपए 420
10 वर्षो बिजली की लागत रूपए 10800 रूपए 7200 रूपए 5000
फ्रिज- फ्रीजर की नियमित डीफ्रास्टिंग आवश्यक है। भीतर खुली हवा के सरकुलेशन के लिए जगह छोडना जरूरी है। इससे ऊर्जा की बचत होती है। इसके दरवाजे की गॉस्केट में लीकेज नहीं होनी चाहिए, जिसके कारण आपका फ्रिज हमेशा अधिक ऊर्जा खर्च करता है और बिजली का बिल अधिक आता है। फ्रिज के पीछे कन्डेंसर क्वाईल पर जमी धूल के कारण मोटर को अधिक कार्य करना पडता है एवं बिजली ज्यादा लगती है, अत: क्वाईल को नियमित साफ करें। वाशिंग मशीन- हमेशा धुलाई कपड़ों से पूरी भरी हुई मशीन के साथ ही करें। जितने पानी की आवश्यकता हो उतना ही उपयोग करें। ऊर्जा की बचत के लिए टाइमर सुविधा का उपयोग करें।
सीलिंग फैन- वर्तमान में नियमित पंखों के स्थान पर बीईई फाईव स्टार रेटेड पंखे एवं उच्च दक्षता (सुपर एफिशिएंट) पंखे उपलब्ध हैं, जो ऊर्जा की बचत करने में सहायक होते हैं।
एयर कंडीशनर्स (ए.सी.)- घर के आसपास हरियाली और पेड़-पौधों की छांव रहने से एयर कंडीशनर्स से होने वाली विद्युत की खपत में 40 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत की जा सकती है। इसके साफ फिल्टर्स से शीतलता शीघ्र प्राप्त होती है एवं बहुमूल्य ऊर्जा की बचत होती है। टाईमर का प्रयोग कर ए.सी. कुछ समय के लिए बन्द किया जा सकता है। 25º सेंटीग्रेट की सेटिंग पर न्यूनतम खर्च में अधिकतम वातानुकूलन प्राप्त होता है।