क्षय रोग नियंत्रण के लिए पांच राज्य बनाएंगे संयुक्त रणनीति
रायपुर
छत्तीसगढ़ में संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा करने और इस कार्यक्रम से जुड़े मेडिकल कालेजों के लिए रणनीति बनाने के उद्देश्य से राज्य की टास्क फोर्स की बैठक गत दिवस एम्स रायपुर में संपन्न हुई। इस अवसर पर राज्य के प्रत्येक भाग में टीबी रोगियों की पहचान कर उन्हें इलाज प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। जनवरी में इस कार्यक्रम की समीक्षा के लिए पांच राज्यों के अधिकारी एम्स रायपुर में बैठक करेंगे।
एम्स के निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागारकर ने संस्थान द्वारा टीबी की पहचान और इलाज के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों की जानकारी दी। उन्होंने राज्य के मेडिकल कालेजों का आह्वान किया कि वे भी और अधिक सक्रिय रूप से इस कार्यक्रम के साथ जुडक? टीबी रोगियों के इलाज में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी मेडिकल कालेजों में टीबी के इलाज के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं जिनका लाभ राज्य के प्रत्येग टीबी मरीज तक पहुंचाना सुनिश्चित करना होगा। टास्फोर्स के माध्यम से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के टीबी नियंत्रण कार्यक्रम को प्रभावशाली तरीके से कार्यान्वित किया जा रहा है।
स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक डॉ. एस.एल. एडिल ने मेडिकल कालेजों के माध्यम से टीबी मरीजों के इलाज के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में बताया। डॉ. अजॉय कुमार बेहरा ने जोनल एक्शन प्लान को सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत करते हुआ कहा कि मेडिकल कालेजों की मदद से 20 प्रतिशत टीबी मरीजों की पहचान और इलाज संभव हो पा रहा है। टास्क फोर्स इन मेडिकल कालेजों को और अधिक स्वालंबी बनाने और इन्हें क्षय नियंत्रण कार्यक्रमों से और अधिक सक्रिय रूप से जोडऩे के लिए प्रतिबद्ध है। इनकी विशेषज्ञता की मदद से प्रदेश के अन्य चिकित्सकों को भी प्रशिक्षित बनाया जा सकता है।
डब्ल्यूएचओ के डॉ. निश्चिथ के.आर. ने राज्य में क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के बारे में बताया। डॉ. उज्जवला गायकवाड़ ने अंत में धन्यवाद दिया। इसमें राज्य के 11 मेडिकल कालेजों ने भाग लिया। टास्क फोर्स से जुड़े पांच राज्यों छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिसा, पश्चिम बंगाल और झारखंड की बैठक जनवरी 2020 में आयोजित होगी।