November 23, 2024

नागरिकता बिल के खिलाफ असम से बंगाल तक बवाल, गुवाहाटी-डिब्रूगढ में परीक्षा रद्द

0

गुवाहाटी
लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पास होने के साथ ही पूर्वोत्तर के कई हिस्सों में तनाव की स्थिति बढ़ गई है। नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन की ओर से मंगलवार को गुवाहाटी में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया गया है। बंद के ऐलान के साथ ही सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। तकरीबन सभी दुकानों पर ताला लटक रहा है। लोकसभा में सोमवार को नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया था।

असम से होते हुए देश के शेष हिस्सों के साथ त्रिपुरा को जोड़ने वाली एकल रेल लाइन और हाईवे को अवरुद्ध करने को लेकर पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है. बंद के चलते त्रिपुरा यूनिवर्सिटी (केंद्रीय विश्वविद्यालय) और महाराजा बीर बिक्रम विश्वविद्यालय (त्रिपुरा सरकार के तहत) दोनों ही विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया.

नागरिकता संशोधन विधेयक के लोकसभा में पास होने के बाद असम के अलग-अलग भागों में प्रदर्शन देखने को मिले। इन प्रदर्शनों की वजह से शासन-प्रशासन में भी हड़कंप मचा हुआ है। गुवाहाटी में बंद के आह्वान की वजह से बाजार पूरी तरह से बंद हैं, जिसके कारण आम जन-जीवन अस्‍त-व्‍यस्‍त हो गया है। कांग्रेस के साथ-साथ कई राजनीतिक दल भी इस बिल में मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता नहीं दिए जाने के प्रावधान का जबर्दस्त विरोध कर रहे हैं।

'हिंदू-मुस्लिम एकता के खिलाफ विधेयक'
असम के धुबरी से लोकसभा एमपी बदरुद्दीन अजमल का कहना है, 'नागरिकता संशोधन विधेयक हिंदू-मुस्लिम एकता के खिलाफ है। हम इस विधेयक को खारिज करते हैं, इस मुद्दे पर विपक्ष हमारे साथ है। हम इस विधेयक को पास नहीं होने देंगे।'

आसू ने किया उग्र प्रदर्शन
ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने डिब्रूगढ़ में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया। यहां पर स्टूडेंट्स यूनियन के सदस्यों की ओर से टायरों को आग के हवाले कर दिया गया। इसके बाद चारों ओर धुआं ही धुआं पसर गया।

बिल की प्रमुख बातें:
-यह बिल पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ित होने वाले छह गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों-हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी व -ईसाइयों को भारत की नागरिकता देने से जुड़ा है।

-नागरिकता कानून 1955 में बदलाव किया जा रहा है। प्रस्ताव के मुताबिक अगर अल्पसंख्यक एक साल से लेकर 6 साल तक शरणार्थी बनकर भारत में रहें हैं -तो उन्हें भारत की नागरिकता दे दी जाएगी।

-पहले 11 साल रहने पर नागरिकता मिलती थी। अवैध तरीके से प्रवेश करने के बावजूद नागरिकता पाने के हकदार रहेंगे।

-इस बिल में नागरिकता मिलने की बेस लाइन 31 दिसंबर 2014 रखी गई है। यानी इस अवधि के बाद इन तीन देशों से आने वाले अल्पसंख्यकों को 6 साल तक भारत में रहने के बाद नागरिकता मिल जाएगी।

-नॉर्थ ईस्ट के राज्यों के लिए छूट का अलग से प्रावधान किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *