DIG इरशाद वली ने करप्शन के आरोपों में घिरे 16 पुलिस कर्मियों को किया लाइन अटैच
भोपाल
प्रदेश की राजधानी भोपाल में बुधवार को लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने हैड कांस्टेबल महेंद्र प्रसाद को 6 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. लोकायुक्त की इस कार्रवाई के बाद से क्राइम ब्रांच पर सवाल खड़े होने लगे थे. यही कारण था कि डीआईजी ने महेंद्र प्रसाद के साथ कई मामलों में लिप्त पुलिसकर्मी राघवेंद्र पांडे और निशांत शुक्ला को गुरुवार को लाइन अटैच कर दिया था. इसके बाद क्राइम ब्रांच में तैनात पुलिस कर्मियों की लिस्टिंग की गई.
क्राइम ब्रांच के एडिशनल एसपी ने अपनी ब्रांच में तैनात पुलिस कर्मियों की सूची डीआईजी को सौंपी. इस सूची में पुलिस कर्मियों की पूरी जानकारी और उन पर लगे आरोपों का विवरण था. डीआईजी ने इसी सूची के आधार पर शुक्रवार रात को एक साथ 14 पुलिस कर्मियों को लाइन अटैच कर दिया. जिन्हें लाइन अटैच किया गया उसमें एएसआई दिनेश प्रताप सिंह, हैड कांस्टेबल इमामुद्दीन, अजय, मुश्ताक खान, अंजली पांडे, संजय मिश्रा, शिवदर्शन, कॉन्स्टेबल इंद्रपाल सिंह, आनंद सोमवंशी, अनुराग पटेल, नितेश सिंह और मनीष रघुवंशी शामिल हैं.
क्राइम ब्रांच के हैड कांस्टेबल महेंद्र प्रसाद ने एक मीट की दुकान पर काम करने वाले युवक से झूठे केस में न फंसाने के नाम पर रिश्वत मांगी थी. रिश्वत मांगे जाने की शिकायत 2 दिसंबर को ऐशबाग निवासी खालिद कुरैशी ने लोकायुक्त पुलिस से की थी कि महेंद्र प्रसाद उसे झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर 10 हजार रुपए मांग रहा है. शौर्य स्मारक के पास खालिद को देखकर महेंद्र ने चलती कार में इशारा करते हुए पीछे आने के लिए कहा. ठंडी सड़क के मोड़ पर कार रोकी और खालिद से गाड़ी में रिश्वत की रकम रखने के लिए कहा. खालिद ने जैसे ही कार में रकम रखी, वहां पहले से मौजूद लोकायुक्त पुलिस ने महेंद्र को धर दबोचा.