November 22, 2024

सचिव ने धरातल पर परखी योजनाएं सुपोषण थाली की प्रशंसा

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दंतेवाड़ा  महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने जिले के दौरे पर विभाग की योजनाओं की जमीनी हकीकत की जांच की योजनाओं की वास्तविकता तथा व्यवस्थाओं का हाल जानने के लिए वे विभिन्न आंगनवाड़ी, परियोजना कार्यालय, बाल संप्रेषण गृह, एनआरसी केंद्रों का औचक निरीक्षण किए। इस दौरान जिला कलेक्टर कार्यालय में उन्होंने दंतेवाड़ा जिले के साथ सुकमा तथा बीजापुर जिले के महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त बैठक ली। बैठक में कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा, जिला पंचायत सीईओ श्री एस आलोक, सीएमएचओ डॉ शांडिल्य, महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री बृजेंद्र सिंह ठाकुर, परियोजना अधिकारी सुपरवाइजर, कार्यकर्ता, संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

अपने दंतेवाड़ा जिले के दौरे में सबसे पहले सचिव यहां संचालित बाल संप्रेषण गृह गए और नए संप्रेषण गृह का निर्माण कार्य देखें। उसके उपरांत दत्तक ग्रहण एजेंसी में जाकर वहां की व्यवस्थाओं का ब्यौरा लिया। ठोठापारा, पाण्डुपारा गंजेनार के आंगनवाड़ी में जाकर वहां के सुपोषण थाली का निरीक्षण किया दाल, चावल, रोटी, सब्जी, अंकुरित अनाज, अंडा, मूंगफली गुड़ के लड्डू का समावेश सुपोषित थाली में देख वे अति प्रसन्न हुए। साथ ही आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में रोटी की उपलब्धता तथा लोगों को भोजन के रूप में रोटी को स्वीकार करने को बहुत बड़ी उपलब्धि माना। जिले में संचालित मेहरार चो मान परियोजना का भी उन्होंने निरीक्षण किया। राज्य शासन के सुपोषण अभियान का अच्छी तरह से क्रियान्वयन तथा मेहरार चो मान के लिए कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा की भी उन्होंने तारीफ की।

श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कुपोषित महिलाओं एवं बच्चों को गर्म खाना, पूरक पोषण, समय पर खाना तथा मीनू आधारित भोजन देने पर जोर दिया। साथ ही उन्हें टॉयलेट का प्रयोग करने, हाथ धोने के लिए प्रेरित करने को कहा। उन्होंने कुपोषण का कारण बच्चे का जन्म के समय वजन कम होना, कमजोर होना, डायरिया होना पेट में कृमि होना, माता का एनीमिक व कम वर्ष आयु का होना, दो बच्चों के जन्म में कम अंतराल का होना आदि बताया। जिसे सामुदायिक सहभागिता के साथ ही दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा गर्म भोजन में लाल चावल, काला चावल, वनोपज जो आयरन से भरपूर को और स्थानीय रूप में आसानी से प्राप्त हो। उनको शामिल करने के निर्देश दिए 3 साल के अंदर छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त करना हमारा मुख्य उद्देश्य है। और इसके लिए स्वास्थ्य महिला बाल विकास पंचायत सभी को एक साथ मिलकर सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाने की कहा साथ ही योजनाओं आदि को लोगों तक लाने के लिए नुक्कड़ नाटक फिल्म नाचा आदि का प्रयोग करने के निर्देश दिए।

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