निर्भया के दोषी पर अब राष्ट्रपति करेंगे फैसला
नई दिल्ली
केंद्रीय गृह मंत्रालय को निर्भया कांड के एक गुनहगार की दया याचिका मिल चुकी है। मंत्रालय जल्द ही दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजेगा। इससे पहले दिल्ली सरकार ने दया याचिका को खारिज किए जाने की सिफारिश की थी। अगर राष्ट्रपति दया याचिका को खारिज कर देते हैं तो निर्भया के गुनहगारों को जल्द फांसी पर लटकाने का रास्ता साफ हो जाएगा।
इससे पहले, दिल्ली सरकार ने निर्भया कांड के एक दोषी विनय शर्मा की दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश की थी। दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस मामले में अरविंद केजरीवाल सरकार की सिफारिश के साथ फाइल को उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेज दिया था।
दिल्ली सरकार ने एलजी को की गई सिफारिश में कहा था, 'दया याचिका के आवेदक द्वारा अत्यधिक नृशंसतापूर्वक बेहद गंभीर अपराध किया गया है। ऐसे अत्याचार को रोकने के लिए जरूरी है कि इस केस में उदाहरण पेश करने वाला दंड दिया जाए। दया याचिका का कोई आधार नहीं है, इसको खारिज करने सिफारिश करते हैं।'
बता दें कि निर्भया केस के 4 दोषियों में से सिर्फ एक विनय शर्मा ने दया याचिका दाखिल की है। तिहाड़ जेल ने अदालत को बताया है कि मामले के चार दोषियों में से एक ने 4 नवंबर को राष्ट्रपति के पास भेजने के लिए दया याचिका दी है, जो सरकार के पास भिजवा दी गई है।
बता दें कि दिसंबर 2012 में एक पैरामेडिकल स्टूडेंट के साथ चलती बस में दरिंदगी की गई थी। स्टूडेंट के साथ बर्बरता की इंतिहा हुई थी जिसने कुछ दिन बाद दम तोड़ दिया था। इस कांड ने पूरे देश को झकझोर दिया था और देशभर में कई दिनों तक जगह-जगह प्रदर्शन हुए थे।
इस कांड के मुख्य आरोपी ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी। बाकी 4 बालिग दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई है। एक दोषी नाबालिग था, इसलिए कड़ी सजा से बच गया। इस वजह से देशभर में इस मांग ने भी जोर पकड़ा था कि गंभीर अपराधों के आरोपी के खिलाफ बालिगों की तरह केस चलाया जाए। बाद में इस बारे में कानून में संशोधन भी हुआ लेकिन वह कानून पिछली तारीख से निर्भया के दरिंदे पर लागू नहीं हो सकता।