November 23, 2024

कश्मीर में भीषण हिमस्खलन, कई जवान लापता

0

श्रीनगर
उत्तरी कश्मीर के कई इलाकों में मंगलवार देर शाम आए ऐवलॉन्च में सेना के कई जवानों के लापता होने की सूचना मिली है। कश्मीर के कुपवाड़ा और बांदीपोरा जिलों में हुई हिमस्खलन की अलग-अलग घटनाओं में कई जवान लापता हैं। लापता जवानों की तलाश में सेना की एआरटी को लगाया गया है।

मिली सूचना के मुताबिक, हिमस्खलन की दो घटनाएं बांदीपोरा के गुरेज सेक्टर और कुपवाड़ा जिले के करनाह सेक्टर में हुई हैं। ये दोनों इलाके उत्तरी कश्मीर के अंतर्गत आते हैं। 18 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर हुए हिमस्खलन में 4 जवानों के लापता होने की बात कही जा रही है। जवानों की तलाश के लिए सेना ने ऐवलॉन्च रेस्क्यू टीम और सेना के हेलिकॉप्टरों को लगाया है। हालांकि अब तक सेना ने इस पूरे ऑपरेशन के बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है।

बता दें कि हाल ही में सियाचिन ग्लेशियर में हुई अलग-अलग हिमस्खलन की घटनाओं में कई जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। सियाचिन को दुनिया के सबसे ऊंचे रणक्षेत्र के रूप में जाना जाता है। तीन दिन पहले सियाचिन के दक्षिणी इलाके में हुए हिमस्खलन में सेना के दो जवान शहीद हुए थे। इससे पहले 18 नवंबर को भी सियाचिन ग्लेशियर में हुए भीषण हिमस्खलन में भारतीय सेना के 4 जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा दो पोर्टरों की भी मौत हो गई गई थी।

1984 से अबतक 1000 से अधिक जवान शहीद
सियाचिन में इससे पहले भी कई बार ऐसे हादसों में भारतीय सेना के सैकड़ों जवान अपनी जान गंवा चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार, साल 1984 से लेकर अब तक हिमस्खलन की घटनाओं में सेना के 35 ऑफिसर्स समेत 1000 से अधिक जवान सियाचिन में शहीद हो चुके हैं। 2016 में ऐसे ही एक घटना में मद्रास रेजीमेंट के जवान हनुमनथप्पा समेत कुल 10 सैन्यकर्मी बर्फ में दबकर शहीद हो गए थे।

सर्दी में -60 डिग्री तक हो जाता है तापमान
बता दें कि कारकोरम क्षेत्र में लगभग 20 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर विश्व में सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र माना जाता है, जहां सैनिकों को फ्रॉस्टबाइट (अधिक ठंड से शरीर के सुन्न हो जाने) और तेज हवाओं का सामना करना पड़ता है। ग्लेशियर पर ठंड के मौसम के दौरान हिमस्खलन की घटनाएं आम हैं। साथ ही यहां तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *