बालाकोट एयरस्ट्राइक में स्वदेशी ‘वॉर्निंग एयरक्राफ्ट’ से प्रभावित हो अब यह बड़ी तैयारी कर रहा है भारत
नई दिल्ली
पिछले साल बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान भारत में बने वॉर्निंग एयरक्राफ्ट की परफॉर्मेंस से सरकार बेहद खुश है। यही कारण है कि सरकार अब दो बड़े प्लैटफॉर्म के अधिग्रहण की तैयारी कर रही है, जो इस दिशा में स्वदेशी कार्यक्रम को गति प्रदान करेंगे। इससे सरकार व्यापक रेडार और निगरानी में मदद लेगी। इस योजना को 'आई इन द स्काई' प्रॉजेक्ट नाम दिया है।
इस एयरक्राफ्ट में एक रेडार होगा, जो दुश्मन की सीमा में भीतर तक नजर रख सकेगा और स्ट्राइक की स्थिति में सीधी कार्रवाई में मदद कर सकता है। इस योजना को गति देने के लिए रक्षा मंत्रालय अगले हफ्ते दो एयरबस ए330 प्लैटफॉर्म के अधिग्रहण की अनुमति दे सकता है। इन एयरबस को डीआरडीओ डिवेलप करेगी।
भारत फिलहाल घरेलू निर्मित 'नेत्र' का इस्तेमाल कर रहा है। बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान भी भारत ने ऐसे ही दो एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया था। नेत्र एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल पाकिस्तान के एयरस्पेस में मिराज 2000 को गाइड करने के लिए किया गया था। मिराज 2000 ने बालाकोट में आतंकी शिविरों को बम गिराकत तबाह कर दिया था।
भारत के पास फिलहाल दो नेत्र एयरक्राफ्ट के साथ तीन आईएल76 'फैलकन' हैं। आईएल76 को इजरायल और रूस ने साथ मिलकर बनाया था। सेना के अधिकारियों का कहना है कि वायु सेना फैलकन द्वारा काफी समय लेने के कारण प्रभावित नहीं है। हालांकि इसकी रेंज नेत्र के मुकाबले काफी ज्यादा है। ऑपरेशनल जरूरतों को पूरा करने में फैलकन पूरी तरह कारगर नहीं है।
वहीं पाकिस्तान के पास 6 साब 2000 वॉर्निंग एयरक्राफ्ट हैं, जिनका इस्तेमान उसने 27 फरवरी की रात अपने 25 एयरक्राफ्ट को कंट्रोल करने के लिए किया था।