कांग्रेस में ‘ऑल इज नॉट वेल’, निकाय चुनाव और संगठन विस्तार में उलझी पार्टी, बगावत की बनी स्थिति
रायपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सत्ताधारी दल कांग्रेस (Congress) एक बड़ी कशमकश में फंसती नजर आ रही है. पार्टी के आला नेतृत्व को समझ नहीं आ रहा है कि पहले संगठन विस्तार करे या फिर नगरीय निकाय चुनाव (Urban Body Election) की तैयारी को प्राथमिकता दें. गौरतलब हो कि पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम (PCC Chief Mohan Markam) पहले की कह चुके हैं कि उनका पदाधिकारी लिस्ट तैयार हो चुका है. लेकिन फिर भी पार्टी लिस्ट जारी करने में काफी समय लगा रही है. संगठन से जुड़े वरिष्ठ नेताओं की मानें तो पद पहले बांटने से निकाय चुनाव में पार्टी के अंदर बगावत की स्थिति भी बन सकती है. जानकारों की मानें तो कांग्रेस के भीतर खाने में फिलहाल सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. कार्यकारिणी विस्तार में लगातार हो रही लेटलतिफी से ये कयास लगाए जा रहे हैं कांग्रेस में ऑल इज नॉट वेल की स्थिति बनी हुई है.
छत्तीसगढ़ में 15 सालों बाद कांग्रेस की सरकार बनी. सरकार के मुखिया भूपेश बघेल बने और नए पीसीसी चीफ के रूप में तेजतर्रार माने जाने वाले विधायक मोहन मरकाम के रूप में ताजपोश हुई. ताजपोशी के अगले ही दिन से ही पार्टी में कार्यकारिणी गठन की कवायद शुरू हो गई थी. खुद मोहन मरकाम कई मंचों से कह चुके हैं कि कार्यकारिणी तैयार है, बस घोषणा बाकी है. मगर पार्टी की तरफ से अब तक घोषणा नहीं की गई है, जिससे अब संगठन को निकाय चुनाव में बगावत और बवाल का भय सताने लगा है. हालांकि इस मसले पर पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र तिवारी का कहना है कि पार्टी में सब कुछ ठीक चल रहा है.
पार्टी के अंदर और बाहर चल रहे गतिरोध पर भले ही वरिष्ठ नेता पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं, मगर विपक्षीय दल बीजेपी (BJP) से लेकर राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो कांग्रेस बड़ी दुविधा में है कि निकाय चुनाव से पहले कैसे कार्यकारिणी की घोषणा करें. वह भी तब जब देशभर में राम मंदिर को लेकर महौल बना हुआ है.. बीजेपी तो बघेल और मरकाम के अलावा किसी की बखत नहीं होने तक का आरोप लगा दिया है.