विधानसभा थाने की पुलिस को नहीं दिखे पीडितो के शरीर पर चोट के निशान,एक साल बाद भी रिपोर्ट लिखने की एवज में पीडितो से रकम की जा रही मांग
रायपुर :एक वर्स पूर्व हुई मारपीट की घटना में पुलिस की भूमिका पहली ही नज़र में संधिग्ध प्रतीत होती है ,1/5/18 को व्यसमुनी व उसके साथियों द्वारा दादा गिरी करते हुए ट्रक को रोका गया ,व उनसे पैसो की मांग की गई ,पैसा न मिलने की स्थिति में मोटरचालको को माँ बहन की गाली दी गई ,व उनके साथ मारपीट की घटना के साथ ही जान से मारने की धमकी दी गई ऐसा फरियादी ख्वाजा अफरोज ने पुलिस विभाग के आला अधिकारियो को दिए पात्र के हवाले से बताया ,मामूली सी बात को तूल देने में विधानसभा थाना प्रभारी ने कोई कसर बाकी नहीं रखा ,व्यसा मुनि का मयनिग अधिकारी बन कर मोटर चालको को बीच सड़क पर रोक कर गाडी के पेपर और गाडी में लदे माल को जांचने का अधिकार किस ने दिया ? क्यू पूर्व विधानसभा थानाप्रभारी फरियादियो को ही अपराधियों की श्रेणी में खड़ा कर रहे ,यह एक गंभीर सवाल है जो कई संदेहों को जन्म देता है !12 परिवार के जिम्मेदारो के ऊपर झूठा और मनगढ़ंत तरीके से सड़यंत्र पूर्वक रचा गया मामला पहली ही नज़र में जान पड़ता है ,फरियादी की याचना को दरकिनार कर, न तो मेडिकल कराया गया ,न ही कोई जांचा की गई ,और बिना दुसरे पक्ष की किसी भी शिकायत पर आज तक कार्यवाही न करना पूर्व विधानसभा थाना प्रभारी की निस्पक्ष कार्य प्रणाली को दर्शाता है ,किस तरह भेदभावपूर्ण तरीके से एफ आई आर फरियादियो के विरुद्ध ही लिख दी गई! यह भी संज्ञान नहीं लिया गया की पीड़ित पक्ष किस हाल में है !
पीडितो पर हुए जुल्म की कहानी बयां करती तस्वीरे
वही पीडितो के शरीर पर चोटों के निशान उस दिन हुई घटना की सारी कहानी बयां कर रहे है ! जिस बेरहमी से ड्राइवर और खालसी को मारपीट गया उनको लहूलुहान किया गया तब पुलिस ने क्यू उनकी तहरीर पर गौर नहीं किया ?? वही पत्रकार ,फारेस्ट अधिकारी ,मयनिग अधिकारी बन कर सरेराह गाडियों को रुकवा कर लूटपाट करने वालो को खुली छूट देना भी पूर्व विधानसभा थाना प्रभारी की मंशा को स्पस्ट करता है ! जानकारों की माने तो विधानसभा थाने के अंतर्गत हुई इस घटना में यदि निस्पक्ष जाँच की जाए तो काई बेकसूरों के ऊपर लगे झूठे व द्वेषभावना से पूर्ण एक पकक्षाय हुई कार्यवाही के कई राज खुल जायेंगे
दवाब बनने रोज कर रहे तगादा
पीडितो ने बताया की आए दिन पुलिसकर्मी पैसो की मांग करते है ,और धमकाते हुए कहते है की पूर्व थाना प्रभारी का ट्रांसफर हुआ है उनके हिस्से की रकम अभी तक नहीं दिए ,साहब का यदि मूड घूम गया तो परेशानी लम्बी होगी और भी काई केशो में तुम सब को समेट दिया जाएगा ,ये हाल बयान पीडितो द्वारा बताया गया ,अब समस्याओं की लम्बी फेहरिस्त में फसे 12 लोगो के भविष्य का फैसला ईस्वर नहीं विधानसभा थाने की पुलिस करेगी,यह कोई पहला मामला नहीं की पुलिस की कार्यप्रणाली पर ऊँगली न उठी हो , खाकी को दागदार बनने में कोई बाहरी नहीं अपितु उनकी ही कार्यप्रणाली होती है !