दूर दृष्टि, कड़ी मेहनत और पक्का इरादा का रास्ता इंदिराजी ने बताया – भूपेश
रायपुर
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी को उनकी जयंती के अवसर पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है कि श्रीमती इंदिरा गांधी ने हमें दूर दृष्टि, कड़ी मेहनत और पक्का इरादा का रास्ता बताया। प्रदेश और देश के विकास के लिए यही हमारा मूलमंत्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम समृद्ध छत्तीसगढ़ बनाना चाहते हैं। इसके लिए सबकी भागीदारी जरूरी है। मुख्यमंत्री आज यहां न्यू सर्किट हाउस में छत्तीसगढ़ में कार्यरत स्वैच्छिक संस्थाओं के संगठन वानी द्वारा श्रीमती इंदिरा गांधी की जयंती पर आयोजित विकास सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, विधायक द्वय श्री मोहन मरकाम और श्री सत्यनारायण शर्मा, दैनिक देशबंधु के प्रधान संपादक श्री ललित सुरजन, मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय श्री प्रदीप शर्मा और राजेश तिवारी विशेष अतिथि के रूप में सम्मेलन में उपस्थित थे। श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि स्वैच्छिक संस्थाएं यदि शासकीय योजनाओं से जुड?ा चाहती हैं, तो उनका स्वागत है। स्वैच्छिक संस्थाएं गांवों में लोगों को प्रशिक्षण देने का और ग्रामीणों को स्वावलम्बी बनाने का काम करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि अधिक से अधिक ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ मिले।
मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने आजीवन गरीबों और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए काम किया और देश की एकता और अखण्डता की रक्षा के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। श्रीमती गांधी ने दूरदृष्टि और पक्के इरादे के साथ देश को नई दिशा प्रदान की। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में देश का कुशलतापूर्वक नेतृत्व करते हुए अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत को प्रतिष्ठापूर्ण स्थान दिलाया। उनके हरित क्रांति कार्यक्रम की सफलता ने देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया।
श्री बघेल ने कहा कि श्रीमती गांधी ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण, राजाओं के प्रिवीपर्स की समाप्ति जैसे कठोर निर्णय लिए। बांग्लादेश का उदय, भारत का परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनना उनकी प्रमुख उपलब्धियां थी। श्रीमती इंदिरा गांधी बचपन से देश के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहीं। उन्होंने बाल चरखा संघ की स्थापना की और असहयोग आंदोलन के दौरान बच्चों की वानर सेना बनायी। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीमती इंदिरा गांधी को आयरन लेडी कहा जाता था। वे एक अनुशासित और कठोर शासक थीं, लेकिन उनके दिल में आदिवासियों, महिलाओं और गरीबों के प्रति कोमल भावनाएं थीं। इस अवसर पर वानी संगठन के अध्यक्ष श्री योगेन्द्र प्रताप सिंह, उपाध्यक्ष श्री बसंत यादव ने भी अपने विचार प्रकट किए।