वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को खरीदने में हल्दीराम और वेदांता की भी दिलचस्पी
नई दिल्ली
दिवाला कानून के तहत बिक रही वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को खरीदने में हल्दीराम, वेदांता और इंडोनेशिया के बिलियनेयर रॉबर्ट हार्तोनो सहित आठ निवेशकों ने दिलचस्पी दिखाई है। सूत्रों ने बताया कि आठों निवेशक औपचारिक रूप से एक्सप्रेशंस ऑफ इंटरेस्ट (EoI) जमा करा चुके हैं और वे जल्द ही ड्यू डिलिजेंस (सौदे से पहले कंपनी की जांच) शुरू कर सकते हैं। वीडियोकॉन के लिए खरीदार ढूंढने की प्रक्रिया औपचारिक रूप से अगस्त में शुरू हुई थी।
आठ निवेशकों की कंपनी खरीदने में दिलचस्पी
बैंकिंग सूत्रों ने बताया कि वीडियोकॉन में दिलचस्पी लेने वाले बाकी निवेशकों में एक सरकारी ऑइल ऐंड गैस कंपनी के अलावा, स्ट्रैटेजिक और फाइनैंशल इन्वेस्टर्स शामिल हैं। वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज का कारोबार कई क्षेत्रों में फैला है, इसके बावजूद सभी बिडर्स को कंपनी के लिए व्यापक रिजॉल्यूशन प्लान लाना होगा। इसके एसेट्स या बिजनस वर्टिकल्स को टुकड़ों में खरीदने की बिड नहीं ली जाएगी। हार्तोनो परिवार के पास इंडोनेशिया के सबसे बड़े बैंक और तंबाकू कंपनी का मालिकाना हक है और वह अपने इलेक्ट्रॉनिक्स बिजनस के लिए बनाई गई होल्डिंग कंपनियों में से एक के जरिए बोली लगा रहा है। यह परिवार $38 अरब की नेटवर्थ के साथ एशिया के पांच सबसे अमीर परिवारों में शामिल है।
वीडियोकॉन ग्रुप पर 20 हजार करोड़ बकाया
वीडियोकॉन इंडस्ट्री का कृष्णा गोदावरी बेसिन में बहुमूल्य रावा ऑयल फील्ड में स्टेक है। इसके पास चार प्लांट्स वाला कंज्यूमर ऐंड होम अप्लायंसेज बिजनस भी है। कंपनी के पास देश के कई इलाकों में प्राइम कमर्शल रियल एस्टेट प्रॉपर्टी के अलावा एक टेलिकॉम यूनिट भी है, जो अभी ऑपरेशनल नहीं है। इस दिवालिया कंपनी पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अगुआई वाले लेंडर्स के एक ग्रुप का 20,000 करोड़ रुपये बकाया है। कई लोकल और इंटरनैशनल ऑपरेटर्स को मिले 122 टेलिकॉम लाइसेंस छह साल पहले सुप्रीम कोर्ट की तरफ से खारिज किए जाने के बाद वीडियोकॉन आर्थिक समस्याओं में घिर गई थी। कंपनी मोबाइल टेलिफोनी ऑफरिंग के लिए लाइसेंस और स्पेक्ट्रम में मोटी रकम लगाने वाले ऑपरेटर्स में शामिल रही है।
कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग हाई क्वालिटी की
कंपनी के रिजॉल्यूशन प्रफेशनल अभिजीत गुहा ने खबर के लिए कमेंट करने से मना कर दिया। इस बारे में डीटेल के लिए हल्दीराम, वेदांता और हार्तोनो ग्रुप को भेजी गई ईमेल्स का जवाब खबर लिखे जाने तक नहीं मिल पाया था। एक सूत्र ने कहा, 'प्लान को सभी स्टेकहोल्डर्स सपोर्ट मिलने पर कंपनी का रिजॉल्यूशन की संभावना हकीकत का रूप ले सकती है।' दो स्वतंत्र सूत्रों ने बताया कि कंपनी के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स हाई क्वॉलिटी की हैं और थोड़े बहुत वर्किंग कैपिटल लगाने पर वहां फुल कैपेसिटी से मैन्युफैक्चरिंग शुरू हो सकती है।
एनसीएलटी में चल रहा है मामला
वीडियोकॉन से जुड़ा इन्सॉल्वेंसी वाला मामला SBI की तरफ से कंपनी को पिछले साल NCLT में घसीटे जाने के बाद से मुकदमेबाजी से घिरा रहा है। एसबीआई ने शुरुआत में कंपनी के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी प्रोसीडिंग्स शुरू कराने के लिए 15 अलग अलग याचिकाएं दीं, लेकिन संभावित खरीदारों की तरफ से कंपनी की सभी यूनिट्स का कामकाज एकदूसरे से मिले होने के फीडबैक पर प्रोसीडिंग्स को कंसॉलिडेट करने की कोशिश शुरू कर दी।