जानें, सर्दियों में ज्यादा जरूरी क्यों है सनस्क्रीन लगाना
आपको लगता होगा कि सर्दी के मौसम में सनस्क्रीन की कोई जरूरत नहीं होती है। अगर आप ऐसा सोचती हैं तो बिल्कुल गलत सोच रही हैं। इस मौसम में सूरज की किरणें काफी तेज होती हैं और स्किन को डैमेज कर सकती हैं। ऐसे में स्किन को प्रॉटेक्ट करने के लिए सनस्क्रीन की जरूरत पड़ती है।
ठंडी हवाएं व कोहरा देता है टैनिंग
सनस्क्रीन की ज्यादा जरूरत पड़ती है विंटर सीजन में। माना कि गर्मियों की अपेक्षा सर्दियों में कम धूप निकलती है मगर, एक स्टडी के मुताबिक कोहरे और ठंडी हवाओं के कारण भी स्किन में टैनिंग होती है।
सर्दियों में यूवीए किरणें ज्यादा
गर्मियों के सीजन में UVB किरणें पड़ती हैं, जो स्किन के लिए खतरनाक होती हैं। लेकिन, सर्दियों के मौसम में UVB के मुकाबले UVA किरणें ज्यादा पड़ती हैं, जिससे स्किन पर सनबर्न, झुर्रियां और काले धब्बे हो सकते हैं। सर्दियों में 30 एपीएफ की सनस्क्रीन क्रीम जरूरी होता है।
हर 3 घंटे में लगाएं सनस्क्रीन
विंटर सीजन में ठंडी हवाएं आपकी क्रीम का असर जल्दी खत्म कर देती हैं। ऐसे में आपको सर्दियों के मौसम में भी हर 3 घंटे में स्किन प्रोटेक्शन के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए। दरअसल, सर्दियों में हमें धूप कम दिखती है तो हम लापरवाह हो जाते हैं लेकिन इसकी नुकसान पहुंचाने वाली किरणें फिर भी मौजूद रहती हैं।
ओजोन लेयर हो जाती है थिन
आपको बता दें कि यूवी किरणों से आपको स्किन कैंसर भी हो सकता है। सर्दियों में ओजोन लेयर पतली हो जाती है, ऐसे में इस मौसम में खतरा और बढ़ जाता है। इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि चाहे कोई भी मौसम हो सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें। दरअसल, स्किन की सुरक्षा करने वाली सनस्क्रीन क्रीम आपको पूरे साल लगानी चाहिए। सनस्क्रीन उन सभी जगहों पर लगाएं जो धूप में एक्सपोज होते हों। अगर आपने भारी-भरकम गरम कपड़े पहने हुए हैं, तो आपको सिर्फ चेहरे पर सनस्क्रीन लगाना जरूरी है।
क्रीम में ज्यादा न हो एसपीएफ
बाजार में SPF 7 से SPF 70 तक की सनस्क्रीन लोशन उपलब्ध हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स कहते है कि यहां के वातावरण के अनुसार हमें केवल SPF 20-30 की क्रीम का उपयोग करना चाहिए। ज्यादा एसपीएफ का उपयोग करना भी त्वचा के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। सनस्क्रीन खरीदते समय इस बात पर जरूर ध्यान दें कि उसमें जिंक ऑक्साइड मौजूद न हो। जिंक ऑक्साइड का त्वचा पर उपयोग करने से एक्जिमा और त्वचा लाल होना, रैशेज जैसी समस्याएं हो सकती है।