मयंक बोले, असफलता के डर को छोड़ने से बढ़ी रन बनाने की भूख
इंदौर
बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन करियर की सर्वश्रेष्ठ दोहरी शतकीय पारी खेलने वाले भारत के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल ने कहा कि असफलता के डर को पीछे छोड़ने से उनकी रन बनाने की भूख बढ़ी। मयंक ने शुक्रवार को 330 गेंद में 243 रन की पारी खेली जिससे भारत ने दिन का खेल खत्म होने तक छह विकेट पर 493 रन बनाकर बांग्लादेश पर शिकंजा कस दिया।
पहली पारी में टीम को अब तब 343 रन की बढ़त मिल गयी है। मयंक ने दूसरे दिन के खेल के बाद कहा, ''मानसिकता की बात करें तो असफलता के डर को पीछे छोड़ने से मुझे काफी फायदा हुआ। इसके बाद मेरी रनों की भूख काफी बढ़ी है।" कर्नाटक के 28 साल के इस खिलाड़ी ने कहा, ''ऐसा भी समय रहा है जब मैंने रन नहीं बनाये हैं। इसलिये जब भी मैं क्रीज पर जम जाता हूं तो मेरी कोशिश इसे बड़ी पारी में बदलने की होती है।"
मयंक ने अपनी शानदार पारी के दौरान चेतेश्वर पुजारा के साथ दूसरे विकेट के लिए 91 रन, अजिक्य रहाणे के साथ चौथे विकेट के लिए 190 रन और रविन्द्र जड़ेजा के साथ पांचवें विकेट के लिए 123 रन की साझेदारी की। साझेदारियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ''हमारी कोशिश एक बार में एक गेंद पर ध्यान लगाने के साथ लंबे समय तक क्रीज पर टिके रहने की थी। वह (रहाणे) सीनियर खिलाड़ी हैं और उन्हें टेस्ट क्रिकेट का काफी अनुभव है। उन्होंने पूरे समय मेरा मार्गदर्शन किया। "
उन्होंने कहा, ''हमारी योजना छोटी साझेदारी करने और समय लेकर सावधानीपूर्वक उसे बड़ी साझेदारी में बदलने की थी। मैं सजग था और गेंद को ठीक से देखकर खेल रहा था।" मेहदी हसन मिराज पर लॉन्ग ऑन पर छक्का जड़कर दिलकश अंदाज में अपना दूसरा दोहरा शतक जड़ने वाले इस खिलाड़ी ने कहा, ''पिच से अच्छा उछाल मिल रहा था और जो गेंद मेरी पहुंच में थी मैं उस पर रन बना रहा था। रन बनाने के लिए मैं गेंदों का सही चयन करने में सफल रहा।"