साल 2014 के इंग्लैंड दौरे में खराब फॉर्म के बाद विराट को झेलनी पड़ी थी काफी आलोचना
इंदौर
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को स्वीकार करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ग्लेन मैक्सवेल उल्लेखनीय हैं। उन्होंने अपने करियर के मुश्किल दिनों को याद करते हुए कहा कि वह भी 'दुनिया छोड़ने' जैसे विचारों से जूझे लेकिन तब यह नहीं जानते थे कि उनसे कैसे निपटना है।
ऑस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज मैक्सवेल तब सुर्खियों में रहे थे जब उन्होंने कुछ समस्याओं से निपटने के लिए ब्रेक लेना का फैसला किया। इसके बाद एलीट क्रिकेटरों के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा मामला भी सुर्खियों में आ गया था। इंग्लैंड में स्टीव हार्मिसन, मार्कस ट्रेस्कोथिक और ग्रीम फाउलर जैसे खिलाड़ी भी अवसाद से निपटे हैं।
बांग्लादेश के खिलाफ यहां शुरू हो रहे पहले टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर कोहली ने बुधवार को कहा, 'आप जानते हैं कि जब आप अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचते हैं, तो टीम में हर खिलाड़ी को उस तरह की बातचीत की जरूरत होती है – जो बोलने के लिए प्रेरित करे। मुझे लगता है कि ग्लेन ने जो किया है, वह उल्लेखनीय है।'
उन्होंने साल 2014 के इंग्लैंड दौरे का जिक्र करते हुए कहा, 'मैं अपने करियर में ऐसे दौर से गुजरा हूं, जहां मुझे लगा था कि यही मेरे लिए दुनिया का अंत है। मुझे नहीं पता था कि किसी को क्या करना है और क्या कहना है, कैसे बोलना है, कैसे संवाद करना है।' विराट तब अपनी खराब फॉर्म में थे और काफी जूझ रहे थे।
भारतीय कप्तान को लगता है कि व्यक्तिगत स्तर पर जो कुछ चल रहा है, उसकी समझ के लिए इन मुद्दों पर चर्चा की जरूरत है। कोहली ने कहा, ' लोगों के पास करने के लिए एक नौकरी है। हम लोगों के पास भी काम हैं और हर कोई उस पर फोकस करता है जो वह कर रहा है। यह पता लगाना बहुत मुश्किल है कि किसी दूसरे व्यक्ति के दिमाग में क्या चल रहा है।'