एक ही फ्लोर पर होंगे प्रधानमंत्री के सभी मंत्री
नई दिल्ली
रायसीना हिल्स से इंडिया गेट के बीच 3 किलोमीटर में फैला सेंट्रल विस्टा भविष्य में सत्ता का प्रमुख केंद्र बनने जा रहा है। इस स्थान को 'सीट ऑफ पावर' के तौर पर विकसित करने की तैयारी हो रही है। नई योजना के तहत, राजपथ पर कॉमन केंद्रीय सचिवालय होगा। इसके साथ ही एक फ्लोर पर सभी विभाग के मंत्रालय होंगे जबकि दूसरे फ्लोर पर सभी मंत्रियों के सचिवों के लिए जगह होगी और विभिन्न फ्लैगशिप योजनाओं के प्रमुखों के लिए एक अलग व्यवस्थित विंग बनाया जाएगा।
पीएम दफ्तर तक के लिए चलेगी मोनोरेल
पीएम दफ्तर तक पहुंचने के लिए भी खास इंतजाम तय किए जा सकते हैं। इसके लिए एक अंडरग्राउंड रेल सर्विस या मोनोरेल सेवा होगी जो प्रधानमंत्री आवास को सीधे नए संसद बिल्डिंग से जुड़ी होगी। यह सर्विस सेंट्रल विस्टा और सेंट्रल सेक्रेटेरियट के लिए भी होगी, जहां विभिन्न विभागों के मंत्रालय होंगे।
एक जगह पर सभी मंत्रालय होने से कार्यप्रणाली पर अच्छा प्रभाव
सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट के डायरेक्टर जनरल प्रभाकर सिंह से इस बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा, 'सभी राजधानी में एक विशेष क्षेत्र होता है जहां सरकारी अधिकारियों के आवास होते हैं। दिल्ली में हमारे अधिकारी अलग-अलग हिस्सों में बैठते हैं। सेंट्रल सेक्रेटेरियट एक स्थान होगा जहां सभी विभागों के मंत्रालय होंगे। ऐसे हालात में किसी शॉर्ट नोटिस पर भी अधिकारियों की मीटिंग एक जगह पर हो सकेगी। इस पूरी योजना का उद्देश्य सरकारी कार्यक्षमता को और कुशल बनाना है।'
नए इलाके के निर्माण के लिए कई पुरानी बिल्डिंग ढहानी होगी
सीपीडब्लूडी ने इस प्लान के लिए कई दूसरी साइट्स जैसे लोदी कॉलोनी और अन्य जगहों को भी देखा था और अंत में सेंट्रल विस्टा को इसके लिए चुना। सेंट्रल विस्टा को चुने जाने का एक कारण है कि यह संसद परिसर से ज्यादा दूर नहीं है। इस नए एरिया के निर्माण के लिए कुछ पुरानी इमारतों को ध्वस्त भी किया जाएगा। कृषि विकास, सामाजिक, न्याय, आदिवासी विभाग और शहरी आवास विभागों के भवन नए निर्माण के लिए ढहाए जाएंगे ताकि पूरे क्षेत्र को फिर से तैयार किया जा सके।