न कागज न पर्ची ओवरलोड अवैध उत्खनन चलेगा यह परिवहन और खनिज विभाग की मर्जी पर मंत्री मोहम्मद अकबर चलाएंगे कैंची
रायपुर:रायपुर मेंओवरलोड वाहन चलाने का सिलसिला सा निकल पड़ा है! राजधानी का तमगा हासिल किए रायपुर शहर अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है, उसकी वजह यहां पर चल रहे ओवरलोड वाहन जिससे आए दिन घटना दुर्घटनाएं होती हैं नेशनल हाईवे से ओवरलोड वाहनों का दिन रात चलना विभाग की कमियों को दर्शाता है, आपको बता दें कि नेशनल हाईवे से रेती मिट्टी मुरूम गिट्टी के ट्रक निरंतर निकल रहे हैं किंतु यातायात व अन्य थानों की पुलिस द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है मिली जानकारी के अनुसार रायपुर शहर के कई रसूखदार ट्रक मालिक सारे नियमों को ताक पर रखकर व मिलीभगत से अपने ओवरलोड वाहनों से बिना परमिट गौण खनिज का उत्खनन व परिवहन कर रहे हैं, जिस पर सभी विभाग ने अपनी अपनी आंखों पर पट्टीबांध रखी है! किसी को भी जनता की तनिक चिंता नहीं शायद यही कारण है कि इन मोटर मालिको पर कार्यवाही तो दूर ट्रैफिक व परिवहन के अधिकारी इनकी जांच की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहे हैं! और यह खेल धड़ल्ले से जारी है यहां से प्रतिदिन हजारों की तादाद में ओवरलोड रेती, मुरूम, गिट्टी, के हजारो ट्रक गुजर रहे हैं!और खुलेआम राजधानी का सीना चीरते हुए बेखौफ होकर गुजरना पूरी कहानी को बयां करता है। जबकि नेशनल हाईवे से मुरुम रेती मुरूम गिट्टी के ओवरलोड वाहन दुर्ग भिलाई व आसपास के जिलों में ले जाए जाते हैं और अक्सर चौक चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस तैनात रहती है जिसे देख कर ओवरलोड वाहन चालकों को खौफ रहता है कि कहीं हमारा चालान ना हो जाए इस भागम दौड़ी के चक्कर में एक्सीडेंट अब आम बात हो चली है !हर चौक चौराहे पर पुलिस तैनात तो है,जो कोरम पूरा करने में ही समय व्यतीत कर रही है ,हालाकि सुरक्षा की दृष्टि से कैमरे भी सरकार द्वारा लगाए गए हैं! परंतु अब कैमरे महज शो पीश बनकर मुंह चिढ़ा रहे है! वही सभी विभागों ने ओवरलोड पर कार्यवाही ना करने की कसम खा रखी है! बीते दिनों ही खबर प्रकाशित करने के
बाद कुछ गाड़ियों पर कार्यवाही के नाम पर कोरम पूरा करते हुए पकड़ा तो गया, परंतु नियमानुसार उन पर कार्यवाही नहीं की गई जिससे ओवरलोड और अवैध उत्खनन कर्ताओं के हौसले बुलंद हैं वह तनिक भी नहीं सोचते की इससे सरकार के राजस्व की कितनी हानि होती है सारा मामला ले देकर निपटा लिया जाता है तो खौफ कहां से पैदा होगा यह सवाल प्रदेश की राजधानी का है! तो बाकी जगह का आलम क्या होगा ?? ओवरलोड और अवैध उत्खनन नहीं रुका तो निश्चय ही भ्रष्टाचार की नई इबारत लिखने में इन मोटर मालिकों द्वारा कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही, सूत्रों ने बताया कि मोटर मालिकों द्वारा रेट और मुरूम गिट्टी के खेल में बड़े-बड़े लोगों का हाथ है! विभाग के अधिकारी कार्यवाही करते हैं तो उनको ट्रांसफर का भय दिखाकर खामोश करा दिया जाता है वही जब हमने इस पर पड़ताल की तो देखा की शहर के बीचो-बीच से ओवरलोड ट्रक धड़ाधड़ गुजरते हैं और इस पर कार्यवाही करने वाला कोई नहीं दिखता लोगों की जान का खतरा उसकी दरकार किसे है यह एक गंभीर विषय है जिस पर संज्ञान सरकार को लेना होगा अन्यथा इस तरह के अवैध कार्यों का संरक्षण देने वाले अधिकारी कर्मचारी प्रदेश की नैया को ले डूबेंगे,वही जब एस बावत हमने कुछ मोटर मालिको से बात की तो उन्होंने बतया की रेत घाटो में दस घन मीटर ही रेत देने का साशन द्वारा नियम बनाया गया है ,और उतनी ही की रायल्टी पर्ची भी मोटर को दिए जाने का नियम है ,परन्तु जितने भी घाट अभी वर्तमान में शुरू किए गए है उन्हें भी ज्यदा कमाई का लालच है ,और सारे नियमो को ताक में रख कर 15 से 20 घन मीटर लोड कर परिवहन किया जा रहा इसको रोकने की जिम्मेवारी किसकी??? शासन ने जगह जगह जाँच चौकियो का निर्माण
करवाया ,और जरुरत के मुताबिक वहा स्टाफ भी तैनात किए गए परंतु उन नाको से हो कर गाडिया निरंतर गुजर रही तो कार्यवाही कहा होगी इसकी भी गंभीरता को समझाना पड़ेगा ,इसके साथ ही जिन जिन रास्तो से ओवरलोड ट्रको और ट्रैक्टर से रेती, गिट्टी, मुरुम, मिटटी, का परिवहन किया जाता है वहा से काई थानों का सीधा रुख होने के बाद भी उनकी ये बेरुखी समझ से परे है !मोटर मालिको को अपने खजाने भरने की चिंता है ,और सरकार के खाली होते खजाने की रखवाली करने वालो को तनिक भी इस पर रहम नहीं आ रहा ,खनिज विभाग और परिवहन विभाग को इस पर ईमानदारी के साथ बिना भेदभाव किए कार्यवाही करनी चाहिए जिससे जो ईमानदारी पूर्वक अपने परिवार का भरण पोसन कर रहे ,उनका कार्य ओवरलोड परिवहन कर्ताओ की वजह से प्रभावित न हो ! मंदिर हसौद और आरंग क्षेत्र से यह ओवरलोड वाहन रायपुर शहर की रिंग रोड से गुजरते हुए दुर्ग और भिलाई तक माल सप्लाई करते हैं इस बीच यह रायपुर शहर के व्यस्ततम चौक और चौराहों से गुजरते हैं जहां पुलिस का अमला हर समय तैनात रहता है लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं किया जाता है ओवरलोडिंग के चलते यह वाहन बचने के लिए तेज रफ्तार से शहर से गुजरते हैं और ऐसे में इन्हीं वाहनों के चपेट में आकर कई लोग अपनी जान से हाथ धो चुके इसके बाद भी प्रशासन मौन.
मुख्य मार्गो से हो कर गुजरते है ओवरलोड वाहन
इस मामले को लेकर जब हमने कुछ मोटर मालिकों से बात की तो उन्होंने बताया कि रेत घाटों से 10 घन मीटर ही लोड देने का शासन का नियम है! और उतने की ही रायल्टी पर्ची भी मोटर को दिए जाने का नियम है! परंतु जितने भी घाट अभी वर्तमान में चल रहे हैं उनमें भी ज्यादा कमाई का लालच और सारे नियमों को ताक में रखकर 15 से 20 घन मीटर लोड कर परिवहन किया जाता है! सारे नियमों को ताक में रखकर लगभग दुगुना माल परिवहन कर यह लोग सरकार की रॉयल्टी में डंडी मारकर लाल हो रहे हैं और इस पर जिम्मेदार अधिकारी और विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.राजधानी रायपुर से लगे हुए मंदिर हसौद और आरंग क्षेत्र में रेत गिट्टी और मुरम लेकर के ओवरलोड वाहनों का निरंतर आना जाना लगा रहता है यह वाहन अब इतने बेखौफ हो गए हैं कि पुलिस थाना और खनिज विभाग की चौकियों पर से भी यह बेखौफ होकर के गुजरते हैं और इन पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं होती इस कारोबार में लगे हुए एक व्यापारी की माने तो विभाग को बकायदा इन सब का हिस्सा दिया जाता है जिसे नीचे से ऊपर तक पहुंचाया भी जाता है ऐसे में विभाग इन वाहनों पर कार्यवाही कर अपने पैर पर कुल्हाड़ी कैसे मार सकता है.बता दे पिछले काफी समय से हमारी टीम मंदिर हसौद और आरंग क्षेत्र में रिंग रोड पर अलग-अलग जगहों पर इस मामले की तहकीकात कर चुकी है और इसकी जानकारी विभाग के आला अफसरों को भी दी गई थी जिसके बाद विभाग ने खानापूर्ति के तौर पर कार्रवाई तो की लेकिन नियमों को ताक में रखकर बता दें गौण खनिजों के संबंध में परिवहन विभाग कोई कार्यवाही करता है तो उसे इसकी सूचना खनिज विभाग को भी देनी होगी जिसके बाद खनिज विभाग भी इस पर कार्यवाही कर सकता है ऐसे ही यदि खनिज विभाग किन्ही वाहनों को पकड़ता है तो उसे परिवहन विभाग के सुपुर्द करेगा ताकि परिवहन विभाग भी उस पर यथा योग्य कार्यवाही कर सकें लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं देता है इसे विभागों के बीच तालमेल की कमी कहें या कुछ और लेकिन इस पूरे मामले से एक हो और जहां अवैध कारोबार में लगे लोग लाल हो रहे हैं वहीं छत्तीसगढ़ सरकार को दिन प्रतिदिन करोड़ों रुपए के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है!
आपबीती
मोटर मालिको व इस मामले के जानकारों ने आपबीती बताते हुए व नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया की बीते 15 साल हमने काफी परेशानियों और दिक्कतों से गुजारा है ,प्रदेश की जनता ने कांग्रेस पर भरोषा किया और आज प्रदेश की कमान सौंप दी ,परंतू यहाँ भी मामला कुछ सही नहीं जान पड़ रहा है! वही सूत्रों ने आगे बताया की ओवरलोड के साथ ही अब इंट्री[टोकन ] वसूली का भी खेल पुरे छत्तीसगढ़ में शुरू है! एक गाडी का 2500रूपए टोकन कटाने के बाद पुरे महीने भर परिवहन विभाग की टीम मौन व्रत पर चली जाती है! जिसने टोकन नहीं पटाया उस पर पुरे नियम कायदे के साथ फाइन ठोंक दिया जाता है ,यदि यही हाल रहा तो निश्चय ही प्रदेश सरकार की छवी निरंतर बिगडती जाएगी,
इनका कहना है…..
यदि इस तरह का खेल चल रहा है तो कार्यवाही होगी और जिसकी भी इस में संलिप्तता होगी उन पर नियमनुसार विभाग कार्यवाही करेगा
ताम्रध्वज साहू
गृहमंत्री छत्तीसगढ़ शासन
परिवहन विभाग में जब भी इस तरह की शिकायत आती है तो त्वरित कार्यवाही हम लोग करते है यदि आप के संज्ञान में इस तरह की कोई बात हो तो निश्चित रूप से हम कार्यवाही करवाएंगे,
मो अकबर
वन आवास पर्यावरण परिवहन और विधि मंत्री