समर्थन मूल्य से कम दर पर मंडियों में नए धान की बिक्री शुरू
रायपुर
इस बार धान खरीदी की तारीख 1 दिसंबर से तय है। लेकिन जिन किसानों के धान की मिंजाई हो गई और उन्हे पैसे कीजरूरत है इसलिए व मंडी तक पहुंच रहे हैं और कम दामों पर भी धान की बिक्री कर रहे हैं।
प्रदेश में करीब 37 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई की गई है। इसमें से कम अवधि वाले महामाया, एक हजार दस व अन्य धान की कटाई तेजी के साथ जारी है। किसान इस धान की हार्वेस्टर से कटाई के साथ उसकी मिंजाई भी करा रहे हैं और अपना कर्ज या घरेलू खर्च निकालने के लिए उसे मंडियो तक भी लेकर पहुंच रहे हैं। रायपुर मंडी में धान की यह आवक करीब एक हजार क्विंटल तक पहुंचने लगी है। इसी तरह प्रदेश के बाकी मंडियों में भी धान की आवक जारी है।
किसानों का कहना है कि उन्हें मंडियों में महामाया, एक हजार दस व अन्य धान की बिक्री 14 सौ से साढ़े 14 सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर करनी पड़ रही है। उन्हें वहां समर्थन मूल्य के बराबर दाम नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में उन्हें करीब 4 सौ रुपये तक का नुकसान हो रहा है। सहकारी सोसायटियों में खरीदी शुरू न होने के कारण उन्हें औने-पौने दाम पर अपनी उपज बेचनी पड़ रही है। आने वाले दिनों में और ज्यादा किसान अपनी उपज लेकर मंडियों तक पहुंचेंगे। उनका मानना है कि पिछले वर्षों की तरह समय पर धान की खरीदी शुरू होती, तो उन्हें अपनी उपज मंडियों तक ले जाने की नौबत नहीं आती।