November 24, 2024

अयोध्‍या पर फैसले के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत या भैय्या जी जोशी करेंगे देश को संबोधित

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नई दिल्‍ली
 अयोध्‍या पर सुप्रीम कोर्ट के बहुप्रतीक्षित फैसले के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत या भैय्या जी जोशी देश को संबोधित करेंगे।  

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चाहता है कि फैसला जो भी आए, देश का सामाजिक-धार्मिक सौहार्द नहीं बिगड़ना चाहिए। इसके लिए हिंदू पक्ष से संयमित रहने का आग्रह करने के साथ विभिन्न धर्म के प्रमुख लोगों से मुलाकात जारी रहेगी। इसमें संघ के करीबी मुस्लिम राष्ट्रीय मंच जैसे संगठनों की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी, जो हिंदू-मुस्लिम धार्मिक सद्भाव कायम रखने में प्रयासरत हैं।

संघ के मुताबिक फैसला जो भी आए पर यह हार-जीत का प्रश्न नहीं है। इसे सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए। इसलिए फैसला पक्ष में आने के बाद न जश्न मनाने जैसी बात होनी चाहिए और पक्ष में न आने के बाद विरोध भी नहीं होना चाहिए। संभावना है कि 17 नवंबर से पहले राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट से फैसला आ जाएगा। संघ परिवार फैसला अपने पक्ष में आने को लेकर आशान्वित है।

शांति बनाए रखने के लिए नकवी के घर हुई थी बैठक

5 नवंबर को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर बैठक हुई थी, जिसमें संघ नेता कृष्ण गोपाल, अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख रामलाल, भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन के साथ-साथ जमीयत उलेमा ए हिंद के महमूद मदनी, शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद, अंजुमन अजमेर ए शरीफ के सय्यद मोईनुद्दीन चिश्ती समेत मुस्लिम संप्रदाय के सभी मसलख से आने वाले धर्मगुरू व लगभग दो दर्जन मुस्लिम विद्वान, पूर्व जस्टिस व अन्य क्षेत्रों से आने वाले व्यक्ति मौजूद थे। आरएसएस नेता कृष्णगोपाल और रामलाल ने संवाद पर बल दिया तो नकवी ने कहा कि बातचीत आमने-सामने होनी चाहिए। मोदी सरकार भेदभाव और तुष्टीकरण को दूर कर सशक्तिकरण कर रही है।

शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद कल्बे जवाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो भी फैसला सुनाया, हम सभी को उसका सम्मान करना चाहिए। हम सभी से अपील करेंगे कि शांति बनाए रखें। अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद के अध्यक्ष सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि हर कोई इस बात पर एकमत था कि सभी धर्मों के लोगों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। हम सभी दरगाहों को लोगों को दिशा-निर्देश देंगे कि वे अफवाहों और गलत खबरों पर विश्वास न करें।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भी कहा है कि अयोध्या प्रकरण में साक्ष्यों और सबूतों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, हमें मान्य होगा।

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