November 24, 2024

सत्ता का नया फॉर्मूला? ठाकरे CM, पवार किंगमेकर..तो रिंग मास्टर कांग्रेस!

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मुंबई 

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए उठापटक जारी है. सूत्रों के मुताबिक, कई कांग्रेसी विधायक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सरकार बनाने से रोकने के लिए शिवसेना को समर्थन देने के पक्ष में हैं. कांग्रेसी विधायकों का कहना है कि हमें शिवसेना और एनसीपी की सरकार का बाहर से समर्थन करना चाहिए और स्पीकर के पद पर दावा करना चाहिए. कांग्रेस विधायकों के इस फॉर्मूले के बीच महाराष्ट्र के चुनाव प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे शाम तक मुंबई पहुंचेंगे. खड़ने यहां कांग्रेस विधायकों से बात करेंगे.

शरद पवार ने कहा- बीजेपी और शिवसेना बनाए सरकार
कांग्रेस विधायकों के खेमे से यह जानकारी ऐसे वक्त में आई है जब उसकी सहयोगी एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने बीजेपी और शिवसेना को सरकार बनाने के लिए कहा है. पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठने का मौका दिया है, जबकि जिन्हें जनादेश मिला है वो अपने मसले सुलझाएं और सरकार बनाएं.

पवार ने कहा, 'बीजेपी-शिवसेना 25 साल से सहयोगी हैं. उन्हें राज्य को नई सरकार देने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए. जनता ने राकांपा-कांग्रेस को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है और हम इसके लिए तैयार हैं.'

सोनिया गांधी से मिल चुके हैं पवार
बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से पहले शरद पवार ने सोमवार को दिल्ली में कंग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी.  इस मुलाकात के बाद भी पवार ने यही कहा था कि उन्हें विपक्ष में बैठने के लिए जनादेश मिला है. हालांकि, शिवसेना लगातार यह दावे कर रही है कि वो एनसीपी के संपर्क में है. लेकिन पवार का कहना है कि उनका सरकार गठन में कोई रोल नहीं है और न ही उनकी किसी से बात हुई है.

शरद पवार ने भले ही बीजेपी-शिवसेना को सरकार बनाने के लिए कहा हो, लेकिन कांग्रेस विधायकों का मन है कि बीजेपी सत्ता से आउट रहे और शिवसेना को समर्थन देकर एनसीपी सरकार बनवाए और कांग्रेस बाहर से सहयोग करे. कांग्रेस विधायक इसके लिए स्पीकर का पद चाहते हैं.

कांग्रेस नेताओं की तरफ से पहले भी ऐसी मांग सामने आ चुकी है. सांसद हुसैन दलवई सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर शिवसेना को समर्थन देने की मांग कर चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक, अब विधायकों ने शिवसेना के साथ जाने की मांग उठाई है. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि महाराष्ट्र की राजनीति किस करवट बैठती है.

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