रमन सिंह का बयान किसान विरोधी और दुर्भाग्यपूर्ण : त्रिवेदी
छत्तीसगढ़ के मजदूर किसानों के हितों और हकों की लड़ाई कांग्रेस जारी रखेगी
रमन सिंह जी का छत्तीसगढ़ विरोधी, किसान विरोधी चरत्रि हुआ उजागर
रायपुर/04 नवंबर 2019। सांसदों द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बुलाई गयी बैठक में भाग न लेने के रमन सिंह जी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह का यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण है और रमन सिंह जी के किसान विरोधी और छत्तीसगढ़ विरोधी चरित्र को उजागर करती है। भाजपा का किसानों के प्रति रवैया अब स्पष्ट हो गया है। आज समय की मांग है कि प्रमुख विपक्षी दल भाजपा किसानों के हितों और छत्तीसगढ़ राज्य के हितों के साथ खड़ा होता। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह जी के बयान के मुताबिक तो लेकिन भाजपा के सांसद तो चर्चा में भी भाग नहीं लेना चाहती है।
केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा लिये जा रहे छत्तीसगढ़ विरोधी फैसलों पर कांग्रेस लगातार आक्रामक है। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की जनता ने 15 साल की किसान मजदूर विरोधी, गरीब विरोधी भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने कांग्रेस की सरकार ने जो फैसले लिए उससे पूरा प्रदेश खुशी है। किसान, आदिवासी, मजदूर, कारोबारी और युवा सब खुश हैं। जब देश में मंदी की लहर चल रही है तो छत्तीसगढ़ में उन्नति और तरक्की की बयार बह रही है। लेकिन लगता है कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार से जनता की यह खुशी देखी नहीं जा रही है। इसीलिए छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ अन्याय किया जा रहा है। मोदी जी की सरकार छत्तीसगढ़ के किसानों को उनका हक भी नहीं देना चाहती। अब अपना हक मांगने और इस अन्याय का विरोध करने का समय आ गया है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने आरोप लगाया है कि भाजपा की केंद्र सरकार नहीं चाहती कि किसानों को धान का 2500 रु. प्रति क्विंटल मिले। छत्तीसगढ़ में किसानों से उपार्जित धान से बने सरप्लस चावल को केंद्र की मोदी सरकार खरीदने से इसलिए मना कर रही है क्योंकि कांग्रेस सरकार किसानों को 2500 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान कर रही है। वह चाहती है कि किसानों को सिर्फ 1815 रु. प्रति क्विंटल दिया जाये।
किसानों की आय दोगुना करने का वादा करने वाली मोदी सरकार दरअसल किसानों के चेहरे पर खुशी बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। कांग्रेस ने वादा किया है तो इसके लिए किसान भाइयों से साथ मिलकर लड़ेंगे भी और जीतेंगे भी।
अगर रमन सिंह सरकार को दो वर्ष राहत दी गई थी तो छत्तीसगढ़ के किसानों के लिये अगले पांच साल और राहत दी जानी चाहिए। खरीफ वर्ष 2019-20 में प्रदेश के किसानों के उपार्जित धान से निर्मित चावल का सेंट्रल पूल के माध्यम से सरप्लस 32 लाख मीट्रिक टन चांवल की खरीदी किया जाए।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने आरोप लगाया है कि मोदी जी ने वादा तो कर दिया पर किसानों को किसान सम्मान निधि दी नहीं जा रही है। मोदी सरकार ने हर साल किसानों को छह हजार रुपए किसान सम्मान निधि के रूप में देने का वादा किया था। उनका यह वादा भी बाकी सारे वादों की तरह झूठा साबित हो रहा है।
छत्तीसगढ़ के किसानों में से लाखों किसानों को इस निधि की पूरी राशि नहीं मिल पाई है। छत्तीसगढ़ में पहली किस्त में 13.7 लाख, दूसरी किस्त में 4.1 लाख तथा तीसरी किस्त में मात्र 23,859 किसान परिवारों को राशि मिल पाई है। पहली किस्त के 89 करोड 20 लाख, दूसरी किस्त का 281 करोड़, 20 लाख तथा तीसरे किस्त का 358 करोड़, 42 लाख, 12 हजार रूपए बकाया है।
कांग्रेस ने मांग की है कि किसान सम्मान निधि की शेष 728 करोड़, 82 लाख, 12 हजार रू. राशि का पंजीकृत 18 लाख 16 हजार किसान परिवारों को तत्काल भुगतान किया जाए।
कैरोसिन (मिट्टी तेल) के कोटे में कटौती का विरोध करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि उज्जवला गैस कनेक्शन के नाम पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रदेश को दिए जाने वाले कैरोसीन (मिट्टी तेल) के कोटे में कटौती की जा रही है। 2015-16 के लिये 1.72 लाख किलोलीटर का कोटा था जिसे घटाकर 2018-19 में 1.1लाख किलोलीटर कर दिया गया।
सच यह है कि प्रदेश में उज्जवला कनेक्शन वाले गैसे सिलेंडर रीफिल नहीं करवा पा रहे हैं। प्रदेश में मात्र 1.8 प्रतिशत लोग ही गैस सिलेंडर फिर से भरवा पा रहे हैं। ऐसे में मिट्टी तेल ही उनका सहारा है।
कांग्रेस ने मोदी सरकार से मांग की है कि मिट्टी तेल के कोटे में कटौती तत्काल समाप्त की जाए।
राज्य के हक का पैसा तो दे दो मोदी जी
कांग्रेस ने मांग की है कि फूड सब्सिडी और जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि के बकाया 3000 करोड़, मनरेगा का पुराना बकाया 300 करोड़ रू. मनरेगा मजदूरी मद के मद में 1050.77 करोड़ और सामग्री मद 931.38 करोड़ यानी कुल 5282.15 करोड़ रुपए की बकाया राशि छत्तीसगढ़ को जल्द से जल्द केन्द्र सरकार द्वारा दी जाये।