November 24, 2024

अबूझमाड़ में अब विकास की दस्तक

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नारायणपुर। राज्य सरकार ने घूर आदिवासी क्षेत्र अबूझमाढ़ में आवश्यक जन सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में पहल करते हुए यहां पर विकास की दस्तक देकर इसे भी विकास की मुख्यधारा में जोड?े का प्रयास शुरू किया है। विकास से कोसों दूर रहने वालें गहन आदिवासी वाले अबूझमाड़ को सरका ने वैसे ही संरक्षित कर यहां पर सुरक्षा बल को तैनात कर रखा है वह बिना सरकार की इजाजत के इस क्षेत्र में कोई नहीं जा सकता।
नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ सहित दूरस्थ अंचल के इलाकों में मिनी थिएटर कम डेवलपमेंट सेन्टर का निर्माण होने लगा है। वहीं स्थानीय आम जनता के लिए आधुनिक व्यायाम शाला (जिम) खोलने का सिलसिला शुरू हो गया है। अबूझमाडि?ों को लिए स्थानीय युवा ने सरकारी कर्ज लेकर फोटो स्टूडियों के साथ फोटोकापी सेंटर भी खोला है, जहां ग्रामीण अपनी तस्वीर खिचवानें आने लगे है।  
विकास ही नक्सल हिंसा से निपटने के लिए कारगर कदम है। जिले के दूरस्थ अंचलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और समय पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुंचाकर लोगों का दिल जीतने का प्रयास किया गया है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सड़क-पुल-पुलिया निर्माण अन्य जगह से यहां ज्यादा कठिन है। जिला मुख्यालय से ओरछा (अबूझमाड) विकासखंड मुख्यालय तक सड़क निर्माण कार्य में कई बाधाएं एवं विपदा आयी, लेकिन इसके बावजूद सड़क निर्माण कार्य अन्तिम दौर में है। अब यहां की जनता को पक्की सड़कों की बारहमासी यातायात की सुविधाएं मिलने लगी है। विकास की मुख्यधारा सहज-सुगम, सुरक्षित और बेहतरीन रास्तों से ही दूर-दूर तक और जन-जन तक पहुंच सकती है और पहुंच भी रही है।
धुर नक्सल प्रभावित एवं चारों ओर से घने जंगलों, नदी-नालों और पहाड़ों से घिरे नारायणपुर जिले के विकासखण्ड ओरछा मुख्यालय में धीरे-धीरे सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया हो रही हैं, जो नगरीय क्षेत्र में होती है। नक्सल प्रभावित ओरछा मुख्यालय में कुमारी किरता ने पहली दवाई की दुकान खोलकर लोगों के लिए जीवनदायिनी बनी, तो वहीं स्थानीय युवाओं ने मिलकर ओरछा मार्ट नाम से आधुनिक दुकान खोली। मार्ट खोलकर युवाओं ने साप्ताहिक हॉट-बाजार का इंतजार भी खत्म कर दिया है। अब यहां हर समय वह सभी जरूरी चीजें मिलती है, जो एक घरेलू महिला या नौकरी पेशा आदमी को चाहिए होती है। वही सुदूर अंचल सोनपुर के युवक ने आईटीआई की पढ़ाई बीच में छोडकर सरकारी कजऱ् लेकर जनरल स्टोर की दुकान खोली है, जिसमें सभी दैनिक उपयोग की सामग्रियां मिलती है। इन सभी दुकानों के खुल जाने से सामान खरीदने के लिए 70 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय नारायणपुर की और हाट-बाजार के दिन को टकटकी लगाकर देखने का समय विलुप्त हो रहा है। अंचलवासियों के असुविधा और दिक्कतों को समझा और प्रशासन ने भी उसकी मदद की।

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