सरकार के विरोध में इस देश के लाखों लोग हैं सड़कों पर, हैरान करने वाली है वजह
भारत में एक तरफ मंदी और महंगाई के शोर के बाद भी त्योहारों के उल्लास का माहौल है। वहीं दूसरी तरफ दुनिया के एक हिस्से में भारी मात्रा में जनता अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रही है। यह प्रदर्शन पिछले एक हफ्ते से चल रहा है जिसकी चर्चा अब सोशल मीडिया पर भी प्रमुखता से हो रही है। यूं कहें तो यह प्रदर्शन अब महा आंदोलन का रूप ले चुका है। लेकिन इस महा आंदोलन की शुरुआत एक छोटी सी घोषणा के कारण हुई है।
बता दें कि सरकार के विरोध में यह आंदोलन चिली में हो रहा है, जिसकी शुरुआत मेट्रो किराए में 30 फीसदी की वृद्धि की घोषणा के कारण हुई है। चिली देश के सैंटियागो में प्रदर्शन करने वालों की भारी भीड़ इक्कट्ठा हुई है। प्रदर्शनकारी आर्थिक सुधारों के साथ-साथ राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा के इस्तीफे की मांग को लेकर नारे लगा रहे हैं। हिंसक हो चुके इस प्रदर्शन में अभी तक करीब 18 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है। हालांकि, चिली की सरकार ने कुछ आर्थिक रियायतों की घोषणाएं की हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी असंतुष्ट हैं।
चिली के राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थान के अनुसार इस प्रर्दशन के कारण देश में होने वाली गिफ्तारियों की संख्या में भी भारी बढ़ोतरी हुई है। इस संस्थान ने बताया कि अभी तक 2,400 से अधिक लोगों की गिफ्तारियां हो चुकी हैं। वहीं इस हिंसक प्रर्दशन में करीब 500 से अधिक लोग घायल भी हो चुके हैं।
चिली सरकार इस हिंसक विरोध प्रदर्शन के कारण संकट में है। राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरो ने कुछ आर्थिक रियायतों की घोषणाएं की हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही नागरिकों के बुनियादी पेंशन में 20 फीसद की वृद्धि की जाएगी और बिजली शुल्क मुक्त होगी। राष्ट्रपति ने चिकित्सा क्षेत्र में भी एक पैकेज का ऐलना किया लेकिन प्रदर्शनकारी असंतुष्ट हैं। चिली में जारी इस प्रदर्शन पर अब दूसरे देश के शिर्ष नेता भी अपनी चिंता व्यक्त कर रहे हैं।
बता दें कि चिली में यह विरोध प्रदर्शन ऐसे समय पर हो रहा है जब यह देश दो बड़े अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों की मेजबानी की तैयारी कर रहा है। दिसंबर में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन होने वाला है, वहीं संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन भी चिली में करवाने की तैयारी चल रही है।