महाराष्ट्र में 24 घंटे में शिवसेना ने पलटा गेम, BJP नहीं पवार बनेंगे किंगमेकर?
मुंबई
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के गठबंधन को बहुमत तो मिल गया, लेकिन अभी तक राज्य में सरकार नहीं बन पाई है. दोनों पार्टियों के बीच मुख्यमंत्री पद और कैबिनेट में हिस्सेदारी को लेकर खींचतान चल रही है. इस सबके बीच गुरुवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस के शरद पवार से मुलाकात की, जिसने सियासी गर्मी को बढ़ा दिया. गुरुवार को शिवसेना के विधायक दल की बैठक भी हुई, जिसके बाद से ही राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदलता जा रहा है और सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या शिवसेना भाजपा का साथ छोड़ किसी अन्य विकल्प पर विचार कर सकती है.
दिवाली मिलन के बहाने से कई निशाने!
गुरुवार को जब शिवसेना विधायक की बैठक हुई तो उम्मीद थी कि राज्य में गतिरोध खत्म होगा, लेकिन बैठक के बाद संजय राउत जब शरद पवार से मिलने पहुंचे तो हलचल मच गई. हालांकि, संजय राउत ने कहा कि ये सिर्फ दिवाली की बधाई वाली मुलाकात थी, हालांकि इसमें महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हुई.
क्या शिवसेना के साथ जाएगी NCP?
संजय राउत के साथ मुलाकात के बाद शरद पवार के आवास पर NCP नेताओं की बैठक हुई, जिसमें सुप्रिया सुले, धनंजय मुंडे और अजीत पवार शामिल रहे. हालांकि, इस बैठक के बाद पार्टी की ओर से बयान दिया गया कि हमें विपक्ष में बैठने के लिए जनादेश मिला है, ऐसे में शिवसेना के प्रस्ताव पर सोचने का विचार नहीं है.
शिवसेना विधायक दल की बैठक में क्या हुआ?
गुरुवार सुबह शिवसेना विधायक दल की बैठक में एकनाथ शिंदे को विधानसभा में विधायक दल का नेता चुना गया. हालांकि, इस बैठक में भाजपा के साथ सरकार गठन पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. बैठक के वक्त पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने विधायकों को कहा कि अभी भाजपा के साथ सरकार गठन पर बात नहीं हुई है, लेकिन हम वही चाहते हैं जो वादा हमसे हुआ है उससे कम कुछ भी नहीं चाहिए.
भाजपा ने शिवसेना को क्या दिया ऑफर?
शिवसेना की बैठक से पहले सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई थी कि भारतीय जनता पार्टी शिवसेना को कैबिनेट में कुल 13 मंत्रालय देने पर विचार कर सकती है. हालांकि, भाजपा शिवसेना को वित्त मंत्रालय नहीं देना चाहती है लेकिन PWD मंत्रालय देने पर सहमति हो सकती है. साथ ही अगर बातचीत आगे बढ़ती है तो भाजपा की ओर से उपमुख्यमंत्री पद देने पर भी विचार किया जा सकता है. लेकिन अभी तक ऐसे प्रस्ताव पर ना तो शिवसेना और ना ही भाजपा से आधिकारिक बयान सामने आया है.