सरकारी बंगले के ‘मोह’ में फंसे ये पूर्व सांसद, तीन नोटिस के बाद भी नहीं कर रहे खाली
रायपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के एक पूर्व सांसद का सरकारी बंगले से मोह खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. पूर्व सांसद विक्रम उसेंडी (Vikram Usendi) को सरकारी आवास (Government Bungalow ) खाली करने का बार-बार नोटिस भी दिया जा रहा है. लेकिन तीन नोटिस मिलने के बाद भी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अपना सरकारी बंगला खाली नहीं कर रहे हैं. बता दें कि राजधानी रायपुर (Raipur) के शंकर नगर इलाके में बतौर सांसद विक्रम उसेंडी को सरकारी बंगला आवंटित किया गया था. अब चुनाव हारने के करीब पांच महीने बाद भी उन्होंने बंगला खाली नहीं किया है. वहीं दूसरी ओर सरकारी के दो मंत्रियों को अभी भी बंगला आवंटित नहीं किया गया है.
3 बार नोटिस मिलने के बाद भी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अपना सरकारी बंगला खाली नहीं कर रहे हैं. कायदे से चुनाव हारने के बाद उन्हें बंगला खाली कर देना था. बता दें कि 2013 में जब विक्रम उसेंडी चुनाव जीतकर आए उन्हें बंगला आवंटित किया गया था. फिर मंत्री पद से उन्होंने इस्तीफे लेकर लोकसभा चुनाव लड़ा था. चुनाव में जीतने के बाद उन्हें वहीं बंगला बतौर सांसद आवंटित किया गया था. लेकिन सांसद रहते हुए अंतागढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने पर खुद विक्रम उसेंडी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद उन्हें बंगला खाली कर देने था लेकिन उन्होंने सरकारी आवास अभी तक खाली नहीं किया है.
बता दें कि विक्रम उसेंडी के सरकारी बंगले के सामने पूर्व सांसद भी लिख दिया गया है. साथ ही सरकार की ओर से भी बंगला खाली करने बार-बार नोटिस भी दिया जा रहा है. विक्रम उसेंडी की ओर से ये दलील दी जा रही थी कि दिवाली तक बंगला खाली कर दिया जाएगा, लेकिन दिवाली के दो दिन बाद भी सरकारी बंगला खाली नहीं किया गया है.
राज्य सरकार के दो मंत्रियों को अभी तक बंगले का आवंटन नहीं किया गया है. बता दें कि मंत्री अमरजीत भगत और गुरु रूद्र कुमार को अभी तक सरकारी आवास आवंटित नहीं किया जा सकता है. वहीं दूसरी ओर पूर्व में आवंटित बंगले को अभी तक सरकार खाली नहीं करवा पाई है. हालांकि कहा जा रहा है कि मंत्री गुरु रूद्र कुमार को पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का बंगला आवंटित किया गया था. लेकिन भाजपा के पूर्व मंत्री ने भी अभी तक बंगला खाली नहीं किया है. हालांकि वे विधायक हैं और नियम के मुताबिक उन्हें बंगले का अधिकार है.