गोवर्धन पूजा के दिन गौठानों में होगा सामूहिक गौ-पूजन समारोह: आशुतोष
बलौदाबाजार
जिले की सभी नवनिर्मित गौठानों में गोवर्धन पूजा के दिन सोमवार को सामूहिक रूप से परम्परा अनुरूप गौ-पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। ग्राम गौठान समितियां इस दिन से पंचायतों में गौठानों के देख-रेख की जिम्मेदारी संभालेंगी। राज्य सरकार की नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी विकास योजना के अंतर्गत जिले में इस दिन 48 गौठानों का लोकार्पण और 10 गौठानों के लिए भूमिपूजन किया जाएगा। जिला पंचायत के सीईओ श्री आशुतोष पाण्डेय ने आज वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए सभी छह जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की बैठक लेकर गौठान एवं पूजन समारोह की तैयारी के निर्देश दिए हैं।
जिला पंचायत के सीईओ श्री पाण्डेय ने बैठक में बताया कि गौठान समितियों के गठन के निर्देश राज्य सरकार से जिला प्रशासन को प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि गांव के प्रभावी व्यक्ति से लेेकर सरकारी कर्मचारियों की जिम्मेदारी इसमें तय की गई है। गोवर्धन पूजा दीपावली के बाद आने वाला ग्रामीण इलाके का प्रमुख त्योहार है। इस दिन किसान अपने पालतु पशुओं की साफ-सफाई कर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। उन्हें गुड़, खिचड़ी एवं हरा चारा भरपेट खिलाकर कृषि कार्य में सहयोग के लिए उनके प्रति आभार जताते हैं। सभी गौठानों में इस दिन दीप प्रज्ज्वलन किया जाएगा। गोवर्धन पूजा के दिन गांव में निर्मित गौठानों की साफ-सफाई के साथ पारम्परिक गौ-पूजन का आयोजन किया जाएगा। कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने नरवा, गरूवा,घुरूवा एवं बाड़ी विकास योजना के अंतर्गत आने वाले सभी विभागों- पशु चिकित्सा विभाग, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग एवं जल संसाधन विभाग के कार्यालय प्रमुखों को निर्देशित किया है कि योजना से संबंधित साप्ताहिक गतिविधियों की प्रगति के लिए नियमित रूप से बैठक आयोजित करें। इसका प्रतिवेदन भी जिला प्रशासन को दें।
सीईओ श्री पाण्डेय ने बताया कि ग्राम गौठान समितियों का गठन भी किया जा रहा है। इसमें अध्यक्ष का पद ग्राम के किसी प्रभावशाली व्यक्ति को दिया जाएगा। सरपंच अथवा पंच समिति के सचिव का दायित्व संभालेंगे। सरकारी सदस्य के तौर पर समिति में कृषि विभाग, पशु चिकित्सा विभाग, उद्यानिकी विभाग, पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक शामिल होंगे। समिति में महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों का प्रतिनिधित्व भी होगा। समिति में गांव के पांच युवक-युवतियां के साथ स्थानीय चरवाहे को भी सदस्य के रूप मंे जिम्मेदारी दी जाएगी।