रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया विभाग प्रमुख एवं मध्यप्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष इकबाल अहमद रिजवी ने भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा एवं राज्य के अल्पसंख्यक संस्थानों के ओहदेदारों द्वारा दिये जा रहे वक्तव्यों में प्रदेश भाजपा सरकार का झूठा गुणगान किये जाने पर पलटवार करते हुए कहा है कि प्रदेश में हो रही अल्पसंख्यको की उपेक्षा एवं अनदेखी की ओर किसी ने भी सरकार का ध्यान आकर्षित नही कराया।रिजवी ने कहा है कि भाजपा शासनकाल के लगभग 14 वर्षो में विभिन्न विभागों में हजारों की संख्या में नौकरियां बेची गयी जिसमें मुस्लिम, ईसाई तथा आर्थिक रूप से कमजोर छत्तीसगढ़िया बेरोजगारों के लिए सरकारी नौकरी के दरवाजे हमेशा बंद ही रहे। नौकरियों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से बाहरी लोगो को ही उपकृत किया गया। पूर्वमुख्यमंत्री श्री अजीत जोगी के शासनकाल में 473 उर्दू शिक्षकों के पद स्वीकृत किये गये थे उन पदों को बार बार स्मरण दिलाने के बावजूद भरा नहीं गया। यहां यह बताना उल्लेखनीय है कि श्री अजीत जोगी ने सन् 2003 के विधानसभा चुनाव के पूर्व हज हाऊस निर्माण की स्वीकृति प्रदान करते हुए पहली किश्त के रूप में 32 लाख रूपये भी इस मद में आबंटित किये गये थे परंतु लगभग 14 वर्ष के भाजपा शासनकाल में न तो उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति हुई और न ही हज हाऊस के निर्माण की दिशा में कोई पहल ही की गयी जो अल्पसंख्यकों के प्रति वर्तमान सरकार की अनदेखी को दर्शाता है।रिजवी ने कहा है कि भाजपा के विभिन्न संगठनों के मुस्लिम ओहदेदार डाॅ. रमन सिंह एवं भाजपा की झूठी तारीफ में कसीदे पड़ना बंद कर दे। अल्पसंख्यको को भाजपा की मानसिकता एवं कुत्सित सोंच का कटू अनुभव है। केवल अल्पसंख्यक सम्मेलन आयोजित करने मात्र से समाज का विकास या भला नहीं हो सकता। भाजपा का नारा ‘‘सबका साथ सबका विकास’’ खोखला सिध्द हो चुका है तथा भाजपा की कथनी और करनी में जमीन आसमान के अंतर को दर्शाता है।