November 22, 2024

बस्तर के इस रेड कॉरिडोर में कमजोर पड़े नक्सली, नहीं मिल रहे नये लड़ाके!

0

दंतेवाड़ा
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) में रेड कॉरिडोर कहा जाने वला नक्‍सलियों (Naxalite) का दरभा डिवीजन कमजोर हो गया है. नक्सली पत्र (Naxalite Letter) से ही इस बात का खुलासा हुआ है. नक्सली संगठन की नई भर्तियों में लोगों को अब दिलचस्पी नहीं रही. दक्षिण बस्‍तर के दंतेवाड़ा (Dantewada), सुकमा (Sukma) और बस्‍तर (Bastar) जिले में फैले नक्‍सलियों का दरभा डिवीजन अब कमजोर हो गया है. शासन- प्रशासन की नीतियों से आम जनता प्रभावित हुई हैं. उसका उन्‍हें लाभ मिल रहा है. यही वजह है कि नक्‍सली मुठभेड़ (Encounter) में मारे और पकड़े जा रहे हैं और पुलिस के मुखबिर बन रहे हैं. इस साल नक्‍सली संगठन में नई भर्ती भी बहुत कम हुई है.

दंतेवाड़ा (Dantewada) के कटेकल्‍याण इलाके में 8 अक्टूबर 2019 को हुए मुठभेड़ (Encounter) में एक वर्दीधारी नक्‍सली (Naxalite) कमांडर देवा मारा गया गया था. शव के साथ बरामद 9 पत्रों में इस बात का जिक्र है, जिसे 8 लाख रुपये का इनामी देवा ने आंध्र-ओडिशा बार्डर कमेटी के सेक्रेटरी 1 करोड़ रुपये के इनामी साकेत के नाम लिखा था, लेकिन वह पत्र साकेत के पास पहुंचने से पहले मुठभेड़ में देवा मारा गया और पत्र पुलिस के हाथ लग गया. पुलिस अधिकारियों का दावा है कि मुठभेड़ के बाद अन्‍य नक्‍सल सामग्रियों के साथ ओड़िया व गोंडी में लिखे 9 पत्र मिले हैं. इसमें क्षेत्र में नक्सल लड़ाके नहीं मिलने  जिक्र होना बताया  जा रहा है.

दंतेवाड़ा एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि नक्सलियों के पत्र से साफ है कि वे कमजोर हो रहे हैं. हताश हो चुके नक्‍सलियों ने पत्र में लिखा है कि शासन- प्रशासन की नीतियों का असर इलाके में दिख रहा है. पुलिस के काम करने का तरीका पहले जैसा नहीं रहा और ग्रामीण भी पहले जैसे नहीं रहे. वे सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के साथ नक्‍सलियों से दूरी बनानी शुरू कर दी है. फोर्स के सोर्सेस बढ़े हैं और नक्‍सलियों के मुखबिर कमजोर हो रहे हैं. कई नक्‍सली साथी मुठभेड़ में मारे या पकड़े जा रहे हैं. आत्‍मसमर्पण कर वे लोग सरकार की नीतियों का लाभ भी ले रहे हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *