नए फॉर्मेसी कॉलेजों पर रोक के बीच पीसीआई ने दी कुछ छूट
नई दिल्ली
जरूरत से ज्यादा फॉर्मेसी कॉलेजों और सीटें होने का दावा कर अगले पांच साल तक किसी भी नए फॉर्मेसी कॉलेजों को मंजूरी न देने का निर्णय लेने के बाद अब फॉर्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने इसमें कुछ छूट देने का फैसला किया है। इसके तहत सरकार ने फॉर्मेसी कॉलेजों और पहले आवेदन कर चुके कॉलेज को इस प्रतिबंध से अलग कर दिया है। वहीं, उत्तर-पूर्व के राज्य एवं ऐसे राज्य जहां फॉर्मेसी सीटों की संख्या 50 से कम है वहां भी कॉलेजों को मंजूरी मिल सकेगी।
जुलाई में फॉर्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने राज्यों को एक पत्र लिख कर कहा था कि देश में डी. फार्मा के 1985 संस्थान और बी. फार्मा के 1439 संस्थान हैं। इनमें दो लाख 19 हजार 279 सीटें हैं। वर्तमान कार्यबल देश में फार्मासिस्टों की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। पिछले एक दशक में फार्मेसी कॉलेजों की संख्या में तेजी से हुए इजाफे की वजह से अच्छे शिक्षकों की कमी का संकट हो सकता है और इससे हमारी शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। इतना ही नहीं, अब फार्मेसी करने वाले छात्र-छात्राओं को निजी या सार्वजनिक क्षेत्र में पर्याप्त वेतन भी नहीं मिल रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए काउंसिल ने वर्ष 2020-21 से अगले पांच साल तक डिप्लोमा और डिग्री दोनों तरह के नए कॉलेजों को मंजूरी नहीं देने का फैसला किया है।
हालांकि बीते दिनों हुई सेंट्रल काउंसिल की बैठक में इस फैसले में कुछ छूट देने का फैसला किया गया। इसमें सरकारी फॉर्मेसी कॉलेजों, उत्तर-पूर्व के राज्यों में स्थित कॉलेजों, ऐसे केंद्रशासित प्रदेश और राज्य जहां फॉर्मेसी की सीटें 50 से कम हो, ऐसे संस्थान जिन्होंने 2019-20 में आवेदन किया था और उनका आवेदन या तो अस्वीकार कर दिया गया या जिनकी जांच नहीं की जा सकी जैसे कॉलेज शामिल हैं। इसके अलावा, मौजूदा कॉलेजों में सीट के इजाफे पर भी कोई रोक नहीं रहेगी। काउंसिल ने राज्य सरकारों ने इस फैसले के आधार पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।