तीनों सेना के स्पेशल कमांडोज कर रहे हैं दुश्मन पर सर्जिकल स्ट्राइक का अभ्यास
नई दिल्ली
दुश्मन को मुंहतोड़ जबाव देने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक और क्रॉस बॉर्डर स्ट्राइक की तैयारी अंडमान में की जा रही है। आर्म्ड फोर्स स्पेशल ऑपरेशन डिविजन (AFSOD) का अंडमान में युद्धाभ्यास चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक 10 अक्टबूर को शुरू हुई यह एक्सरसाइज कल (शुक्रवार को) पूरी होगी। बुधवार को स्पेशल कमांडोज ने फ्री फॉल फेज पूरा किया यानी दुश्मन के इलाके में घुसने का अभ्यास किया। शुक्रवार को वह दुश्मन को ध्वस्त करते हुए अपनी एरिया में वापस आने का अभ्यास पूरा करेंगे।
पहली बड़ी एक्सरसाइज
सूत्रों के मुताबिक अंडमान निकोबार कमांड हेडक्वॉर्टर के तहत स्पेशल ऑपरेशन डिविजन की यह पहली बड़ी एक्सरसाइज हो रही है। इस डिविजन का गठन मई में किया गया जिसके बाद सितंबर मे इस डिविजन ने गुजरात में वेलिडेशन एक्सरसाइज की। जिसमें इसकी कैपेबिलिटी परखी गई। DANEx नाम से हो रही इस पहली बड़ी एक्सरसाइज में क्रॉस बॉर्डर स्ट्राइक का अभ्यास किया जा रहा है। अब तक आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के स्पेशल कमांडो अलग अलग ट्रेनिंग करते थे और जरूरत पड़ने पर साथ ऑपरेशन करते थे। लेकिन दुश्मन पर सर्जिकल स्ट्राइक करने, क्रॉस बॉर्डर स्ट्राइक की योग्यता बढ़ाने और स्पेशल ऑपरेशन करने के लिए ही तीनों सेना के स्पेशल कमांडो को मिलाकर यह स्पेशल ऑपरेशन डिविजन बनाई गई।
चुनौतियों से भी है निपटना
सूत्रों के मुताबिक अभी तक यह डिविजन पूरी तरह खड़ी नहीं हो पाई है। इसमें करीब 1300 स्पेशल कमांडो होंगे। जिसमें आर्मी के पैरा कमांडो, नेवी के मार्कोस और एयरफोर्स के गरुड़ कमांडो होंगे। यह डिविजन अभी मैन पावर, फंड और जगह की कमी से जूझ रही है। एयरफोर्स से जितने कमांडो आने थे वह डिविजन में आ गए हैं, आर्मी के पैरा कमांडो भी आ गए हैं लेकिन नेवी से अभी तक इस डिविजन को स्पेशल कमांडो नहीं मिले हैं। अभी आर्मी से मिलने वाला प्रस्तावित लॉजिस्टिक सपोर्ट भी डिविजन को नहीं मिल पाया है। यह सवाल भी उठाए जा रहे हैं कि जब स्पेशल ऑपरेशन डिविजन बनाई गई है तो तीनों सेनाओं की सारी स्पेशल फोर्स इसके अंडर क्यों नहीं दी जा रही। यह डिविजन इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के अंडर आएगी। हालांकि जब सीडीएस का गठन हो जाएगा तो उसके सामने इस स्पेशल डिविजन को खड़ा करना भी एक चुनौती होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीडीएस गठन का ऐलान कर चुके हैं।