तुर्की ने अमेरिका के 50 परमाणु हथियारों पर कब्जा किया : रिपोर्ट
दमिश्क
उत्तरी सीरिया में कुर्द लड़कों पर हमला करने वाले तुर्की ने अमेरिका के 50 से अधिक परमाणु हथियारों को अपने कब्जे में ले लिया है। एर्दोगन सरकार ने सीरिया में तुर्की की कार्रवाई के बाद अमेरिका की धमकी मद्देनजर यह कदम उठाया है। अमेरिका के 50 से ज्यादा परमाणु हथियार दक्षिणपूर्व तुर्की के इनसिरलिक एयरबेस पर रखे हैं। यह एयरबेस इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट समूह (आईएस) आतंकियों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है। यहां से ड्रोन और लड़ाकू विमान उड़ान भरते हैं। तुर्की ने पिछले हफ्ते उत्तरी सीरिया में कुर्द लड़ाकों पर हमला कर दिया था, जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुर्की पर कई प्रतिबंध लगाते हुए अर्थव्यवस्था तबाह करने की धमकी दी थी। तुर्की ने यह कदम ट्रंप के प्रतिबंधों पर जवाबी कार्रवाई के तौर पर उठाया है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन इन परमाणु हथियारों को लेकर अमेरिका ब्लैकमेल करना चाहते हैं।
हथियार वापसी के लिए योजना बना रहा अमेरिका :-
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी रक्षा विभाग और परमाणु शस्त्रागार का प्रबंधन करने वाले अधिकारी इस बात पर विचार कर रहे है कि तुर्की से ये परमाणु हथियार वापस कैसे लिए जाएं।
सीरिया से अमेरिकी सैनिकों की वापसी :
अमेरिका युद्ध प्रभावित सीरिया में तैनात अपने करीब एक हजार सैनिकों को आगामी कुछ हफ्तों में वापस बुला लेगा। इन सैनिकों की वापसी उत्तरी सीरिया में कुर्द बलों पर तुर्की के सैन्य अभियान के बीच होने जा रही है। ट्रंप ने पिछले हफ्ते सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का ऐलान किया था।
ट्रंप ने तुर्की को पत्र लिखकर चेताया :-
राष्ट्रपति ट्रंप ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन को इस बार पत्र लिखकर चेतावनी दी है। इस पत्र में ट्रंप ने लिखा कि मूर्ख मत बनो, होश में आ जाओ। तानाशाह की तरह कठोर बनने की कोशिश मत करो, वरना बर्बाद हो जाओगे। ट्रंप ने आगे लिखा कि आप अपने लक्ष्य को मानवीय तरीके से हासिल करो। वरना यह इतिहास आपको शैतान के रूप में याद करेगा। कठोर और जटिल आदमी मत बनो। उन्होंने पत्र में लिखा कि मैं आपसे फोन पर भी बात करूंगा। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है चलो एक अच्छा सौदा करते हैं। जनरल मजलूम आप से वार्ता करने को राजी है, वह रियायतें देने को भी तैयार हैं। दुनिया को निराश न करें। ट्रंप ने एर्दोगन को यह पत्र उस वक्त खत लिखा है, जब रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने फोन करके एर्दोगन को सीरिया संघर्ष सुलझाने की नसीहत दी है। इस बाबत उन्होंने मॉस्को आने का न्योता भी दिया।
बता दें कि ट्रंप के सीरिया से सेना वापसी की घोषणा करने के बाद तुर्की ने सीरिया में कुर्दों पर हमला कर दिया। इसके चलते सैकड़ों आम लोगों की मौत हो गई और 1.60 से अधिक लाख लोग पलायन कर गए।