प्रदेश में दिग्गी भाजपा शासित राज्यों के सहयोगियों की भूमिका में, विपक्ष मुद्दों को लेकर परेशान
भोपाल
सूबे की कमलनाथ सरकार में कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह इन दिनों दोहरी भूमिका में नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि पर्दे के पीछे से वे ही सरकार में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इसी तरह से वे अब नाथ सरकार के लिए सुरक्षा की ब्यूरचना का काम भी कर रहे हैं। दरअसल इसके लिए श्री सिंह ने वही तरीका अपनाना शुरू कर दिया है, जो भाजपा शासित राज्यों में उनके सहयोगी दल निभा रहे हैं। महाराष्ट्र में शिवसेना सरकार में शामिल होने के बावजूद हमेशा विपक्ष की भूमिका में नजर आई और बिहार में जदयू व भाजपा के बीच ऐसी ही राजनीति चल रही है। इसकी वजह से इन दोनों प्रदेशों में विपक्ष को सरकार पर हमला करने के ज्यादा मौके नहीं मिल पाते हैं। प्रदेश में कांगे्रस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह लगभग इसी भूमिका में हैं। वे कमलनाथ सरकार के लिए सुरक्षा कवच बने हुए हैं। लगभग ऐसी ही राजनीति दूसरे वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी प्रारंभ कर रखी है। इन दोनों नेताओं की वजह से भाजपा को विपक्ष की भूमिका के लिए ज्यादा जगह नहीं मिल रही है।
कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना
दिग्विजय सिंह सडक़ों में गोमाता को देखकर सीएम के नाम ट्वीट करते हैं। स्लाटर हाउस को लेकर कमलनाथ को पत्र लिखते हैं। अन्य मसलों पर मंत्रियों को पत्र लिखते हैं। इसकी वजह से भाजपा खुश हो रही है। उसे लग रहा है कि कांग्रेस के नेता आपस में लड़ रहे हैं। जबकि सच यह है कि भाजपा को खुश होने का मौका कांगे्रस ही दे रही है। दिग्विजय के सवाल उठाने पर उन्हें भाजपा नेताओं की तुलना में जगह ज्यादा मिल रही है। दिग्विजय सहित कांग्रेस के नेताओं को सीएम कमलनाथ तत्काल जवाब देकर बताते हैं कि सरकार क्या कर रही है।
योजना के तहत उठाए जा रहे मुद्दे
दिग्विजय सिंह जितने मुद्दे उठाते हैं वे जनता से जुड़े होते हैं या वे जिन्हें लेकर कांगे्रस सरकार की आलोचना की संभावना रहती है। जैसे उन्होंने गोमाता को सडक़ों पर देखा तो उन्हें लगा कि भाजपा कमलनाथ की घोषणा को आधार बनाकर सीएम को घेर सकती है। इसलिए खुद ही कमलनाथ के लिए टवीट कर दिया और सीएम का जवाब आ गया कि उन्होंने इस मसले पर क्या किया है। स्लाटर हाउस को लेकर आदमपुर क्षेत्र के ग्रामीण आंदोलित रहे हैं। इसलिए उसे लेकर पत्र लिख दिया कि यहां गोशाला बना दी जाए। ट्रांसफर-पोस्टिंग सहित कुछ अन्य मसलों को लेकर सरकार के मंत्री आलोचना के केंद्र में थे। लिहाजा उन्होंने सभी मंत्रियों को पत्र लिख डाला। उमंग सिंघार की वजह से हालांकि विवाद में थोड़ा अलग मोड़ लिया पर विपक्ष को ज्यादा मौका नहीं मिला।
सिंधिया भी दिग्गी की राह पर
प्रदेश में कांगे्रस की सरकार बनने के बाद से जो काम दिग्विजय सिंह कर रहे थे, चंबल-ग्वालियर अंचल के दौरे के दौरान दूसरे वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी लगभग वही रास्ता पकड़ लिया है। जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर वे या तो सीएम को पत्र लिख रहे हैं या उन्हें उठाकर समाधान का भरोसा दिला रहे हैं। सिंधिया के ऐसा करने से भी भाजपा नेता कांगे्रस में आपसी लड़ाई के मुद्दे ही ज्यादा उठा रहे हैं। खास बात यह है कि सरकार के खिलाफ मुददे उठाने के लिए विपक्ष को ज्यादा जगह मिलना चाहिए लेकिन यह जगह दिग्विजय सिंह एवं सिंधिया जैसे नेता ले रहे हैं और सरकार मजे में चल रही है।