72 साल में पहली बार PoK के शारदा पीठ में हुई पूजा-अर्चना
नई दिल्ली
72 साल बाद पहली बार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में मां शारदा पीठ शक्ति स्थल पर किसी हिंदू श्रद्धालु ने पहुंचकर पूजा-अर्चना की। ये हैं भारतीय मूल के हॉन्ग कॉन्ग दंपती केपी वेंकटरमन और उनकी पत्नी सुजाता। खंडहर हो चुके शारदा पीठ तक पहुंचने में दंपती को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। भारतीय मूल का होने की वजह से पाकिस्तान ने दंपती को शारदा पीठ तक जाने की पहले तो अनुमति ही नहीं दी। कई दिन की पूछताछ के बाद एनओसी जारी की। गौरतलब है कि 27 सितंबर को एनबीटी ने पीओके स्थित शारदा पीठ के बारे में जानकारी दी थी।
माता के सभी शक्ति पीठ के दर्शन कर चुके दंपती को हाल ही में सोशल मीडिया से पता चला कि एक शक्ति पीठ पीओके में भी है। यहां आजादी के बाद से आज तक कोई नहीं जा सका। दंपती ने ट्विटर के जरिए ‘सेव शारदा समिति कश्मीर’ के फाउंडर रविंद्र पंडित से संपर्क साधा। उनके जरिए जानकारी जुटाई।
…और इस तरह से मिली अनुमति
30 सितंबर को शारदा की यात्रा के लिए वैध वीजा पर दंपती पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद पहुंचा। शारदा पीठ तक पहुंचाने के लिए दो स्थानीय निवासियों ने इनकी मदद की। पीओके जाने के लिए एनओसी की जरूरत थी। दंपती ने अपने यात्रा दस्तावेजों के साथ मुजफ्फराबाद में सरकार को दलील दी कि वह हॉन्गकॉन्ग निवासी हैं और वहां से आए हैं। जैसे तैसे डॉक्युमेंट्स की पुष्टि होने के बाद पीओके के पीएम ने दखल दिया और आखिर में दंपती को एनओसी जारी हुई।
शारदा पीठ को दोबारा खोलने की करेंगे मांग
इसके बाद उन्हें पाकिस्तान के कब्जे वाले किशनगंगा नदी के पास तट पर जाने की अनुमति दी गई, जहां 4 अक्टूबर को वे पूजा कर सके। हालांकि शारदा मंदिर पूरी तरह खंडहर हालत में है। नियंत्रण रेखा पर बढ़ते तनाव के बीच उसी रात शारदा क्षेत्र में भारी गोलाबारी भी हुई। वहां से सुरक्षित निकालने में दो लोकल लोगों ने उनकी भरपूर मदद की। रविंद्र पंडित ने कहा, हम करतारपुर की तरह ही शारदा पीठ को फिर से खोलने की मांग करेंगे।