ब्राण्डेड होटल प्रोत्साहन नीति 2019 अनुमोदित
भोपाल
मुख्यमंत्री कमल नाथ की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में सामाजिक सुरक्षा पेंशन भुगतान के लिए जिलों को 550 करोड़ 2 लाख रूपये की राशि स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया। यह राशि राज्य स्तरीय निराश्रित निधि खाते से मासिक आवश्यकतानुसार आहरित कर सामाजिक सुरक्षा पेंशन का भुगतान किया जायेगा।
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में होटल, रिसॉर्ट और हेरिटेज होटल की स्थापना के लिए ब्रॉण्ड्स को आकर्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सतत् अनुदान उपलब्ध कराने की ब्रॉण्डेड होटल प्रोत्साहन नीति-2019 का अनुमोदन किया। ब्रॉण्ड्स को प्रदेश में स्थापित होने वाली परियोजनाओं की संभावनाओं को देखते हुए ब्रॉण्ड हॉटल्स, ब्रॉण्ड रिसॉर्टस और ब्रॉण्ड हेरिटेज हॉटल्स श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।
मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने ब्राण्ड हॉटल्स की स्थापना पर इस तरह की नीति बनाई है। अनुमान है कि इस नीति से प्रदेश में अगले 5 वर्षों में ब्राण्ड हॉटल्स में कम से कम एक हजार लग्जरी और विश्व-स्तरीय नवीन कक्ष स्थापित हो सकेंगे। न्यूनतम 100 करोड़ रुपये अथवा उससे अधिक के निवेश से नवीन ब्राण्ड होटल की स्थापना पर उनके द्वारा होटल कक्षों के किराये से प्राप्त वार्षिक टर्न ओवर पर नीति अंतर्गत 3 वर्ष तक 20 से 30 प्रतिशत तक अनुदान दिया जायेगा। अनुदान की अधिकतम सीमा 3 करोड़ रुपये होगी। इसी प्रकार, ब्रॉण्ड रिसॉर्ट एवं ब्रॉण्ड हेरिटेज होटल को 3 वर्षों तक प्रतिवर्ष 2 करोड़ रुपये तक संचालन अनुदान दिया जायेगा। ब्रॉण्ड होटल को दिये जाने वाला यह अनुदान उन्हें नीति के तहत प्राप्त होने वाले पूँजी अनुदान के अतिरिक्त होगा।
प्रदेश सरकार के पर्यटन विकास के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए मंत्रि-परिषद ने पर्यटन नीति-2016 को सक्षम, व्यवहारिक, व्यापक और पूंजी निवेश के अनुकूल बनाने के लिए प्रावधानित संशोधन को अनुमोदन प्रदान कर दिया। बैठक में मार्ग सुविधा केन्द्रों (वे-साईड एमेनिटीज) की स्थापना एवं संचालन की नीति 2016 में संशोधन का अनुमोदन किया गया। इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा पूरे प्रदेश में रोड नेटवर्क एवं यात्री सुविधाओं की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए मार्ग सुविधा केन्द्रों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही, संभावित स्थलों और तैयार ब्राउन-फील्ड मार्ग सुविधा केन्द्रों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा, ताकि निवेश का वातावरण तैयार हो।
मंत्रि-परिषद ने आवास एवं पर्यावास नीति 2007 की कंडिका क्रमांक 5.4 को विलोपित करने का निर्णय लिया। इसमें निवेश के क्षेत्रों में भूखण्डीय विकास के लिए भूमि अथवा भू-खण्ड का क्षेत्रफल दो हेक्टेयर रखे जाने का प्रावधान था। इस कारण न्यूनतम दो हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता निर्मित होने से छोटी भूमि अनुपयोगी रह जाती थी। ऐसे क्षेत्रों में अवैध कॉलोनियाँ विकसित होने की संभावनाएँ बढ़ जाने से विकास की निरंतरता भी बाधित हो रही थी।
रिसॉर्ट बार लायसेंस का सरलीकरण
मंत्रि-परिषद ने राज्य के वन क्षेत्रों में पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए रिसॉर्ट बार लायसेंस का सरलीकरण करने का निर्णय लिया। इसमें राष्ट्रीय उद्यानों के अतिरिक्त वन अभयारण्य के पास भी रिसॉर्ट बार लायसेंस की सुविधा दी जाएगी। रिसॉर्ट बार राष्ट्रीय उद्यान/अभयारण्यों की सीमा से 20 किलोमीटर की सीमा में स्थित होना चाहिए। रिसॉर्ट में दस कमरों के स्थान पर न्यूनतम पाँच कमरों का प्रावधान किया गया। रिसॉर्ट बार के लिए न्यूनतम क्षेत्र 2 हेक्टेयर को घटाकर एक एकड़ करने का निर्णय लिया गया। वन्य क्षेत्रों में स्थित रिसॉर्ट बार के लिए वार्षिक लायसेंस फीस पाँच कमरे के लिए 50 हजार, 6 से 10 कमरे के लिए एक लाख और 10 से अधिक कमरे वाले रिसॉर्ट के लिए डेढ़ लाख रूपये करने का निर्णय लिया गया है। सभी बार लायसेंसों की स्वीकृति और नवीनीकरण के प्रकरणों में अग्नि सुरक्षा संबंधी व्यवस्था के संबंध में निर्धारित प्रमाण-पत्र के स्थान पर जिला आबकारी अधिकारी तथा संबंधित रिसॉर्ट बार अनुज्ञप्तिधारी के संयुक्त हस्ताक्षर से रिपोर्ट ली जाएगी।
मंत्रि-परिषद ने पान किसानों/पान बरेजा परिवारों को निस्तार दर पर बाँस उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। वन विभाग द्वारा जारी आदेश को 10 मार्च 2019 से ही पान बरेजा परिवारों की निस्तार नीति में शामिल करते हुए कार्योत्तर अनुमोदन प्रदान किया गया। संशोधित निस्तार नीति वर्ष-2019 का भी अनुमोदन किया गया।
मंत्रि-परिषद ने भारतीय पुलिस सेवा (संवर्ग) नियम के अनुसार 31 अक्टूबर,2019 तक की अवधि के लिए पुलिस महानिदेशक ग्रेड में एक पद निर्मित करने का निर्णय लिया। इसी के साथ, संविदा आधार पर निरंतर किए गए कोर्ट मैनेजर का कार्यकाल 31 मार्च 2020 तक अथवा नियमित कोर्ट मैनेजर के पदों पर भर्ती होने तक, जो भी पहले हो, इस शर्त के साथ अंतिम बार निरंतर करने का निर्णय लिया गया। मंत्रि-परिषद ने मुंबई स्थित मध्यालोक भवन का संचालन एवं संधारण मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम को सौंपने का भी निर्णय लिया।