जलसंसाधन विभाग में जमी काई को कैसे हटाएगा विभाग:भृष्ट अधिकारियों की लम्बी होती फेहरिस्त में कौन लगाएगा लगाम
रायपुर अंधे में काना राजा की कहावत यदि कही देखना हो तो आप छत्तीसगढ़ के जलसंसाधन विभाग की तरफ एक नज़र देख ले तो सारा मामला साफ नजर आ जाता है।जानकारों की माने तो इस विभाग में पानी मे जमने वाली काई को तो ब्लिचिंग पावडर य अन्य कई केमिकल से धोया जा सकता है पर यहाँ भरस्टाचार की काई को दुनिया का कोई भी केमिकल नही हटा सकता, सरकार को ठेंगा दिखाने वाले अधिकारी कर्मचारियों की एक बड़ी जमात है जो अब न अपने कुर्सी से हटना चाहते न ही स्थानांतरण का ख़ौफ़ इनके हौसले को डिगा पा रहा, अब देखना यह है कि इन बेलगाम अफसरों पर कौन नकेल कस पाता है।
यह है मामला
भ्रष्टाचार के लिए चर्चित जल संसाधन विभाग नित्य नए कारनामे करके अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहता है अब एक नया कारनामा निकल कर सामने आया है और सारे तथ्य lइस बात की ओर साफ इशारा करते हैं कि भ्रष्टाचार के लिए सारी पराकाष्ठा पार की जा सकती है । सारे नियमों के को दरकिनार कर सिर्फ अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए क्या प्रयास किए का रहे है वो साफ तौर पर देखा जा सकता है सारी कार्य प्रणाली को प्रमाणित करने के लिए किसी अधिवक्ता की जरूरत नहीं है अगर सारे आदेशों को सिलसिलेवार ढंग से देखा जाए तो एक बात निकल कर सामने आती है वह यह है कि अपने निजी स्वार्थों के लिए याकूब खेस किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है। और अपने शातिर दिमाग का इस्तेमाल करते हुए याकूब खेस के द्वारा इस कारनामे को अंजाम दिया है जल संसाधन विभाग द्वारा विभाग में कार्यपालन अभियंताओं का स्थानांतरण आदेश दिनांक 09082019 को जारी किए गए थे और कुल 36l कार्यपालन अभियंताओं के स्थानांतरण हुए थे इसमें वे अभियंता शामिल थे जो पिछले 15 सालों से भारतीय जनता पार्टी के शासन में मलाईदार पदों पर जमे हुए थेl स्थानांतरण आदेश दिनांक 09,08,2019 को जारी होता है ठीक उसी दिन याकूब खेस अवर सचिव के द्वारा अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल करते हुएl और जल संसाधन विभाग के मंत्री को अंधेरे में रखते हुए एक नए शब्द का इजाद करते हैं विलोपन और इस शब्द के जरिए अपने चहेते और भ्रष्ट अधिकारियों को विलोपन के माध्यम से स्थानांतरण रोकने की कोशिश की जाती है यहां पर यह बताना जरूरी है कि विलोपन शब्द का इस्तेमाल छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार किया गया और स्थानांतरण की सूची जारी होने के 15 दिन के बाद एक सूची जल संसाधन विभाग के द्वारा जारी की जाती है जिसमें स्थानांतरित किए गए कुछ अधिकारियों के नाम विलोपन की सूची में आ जाते हैं ऐसे में जो अधिकारी उच्च न्यायालय की शरण में जाते हैं उसमें सरकार की भद पिटना ना तो तय है ।और ऐसा ही हुआ। सालों से एक ही
स्थान पर जमे कई अधिकारी न्यायालय की शरण पर चले गए लेकिन सरकार याकूब खेस के इस कारनामे को दूसरी नजर से देखते हुए उन्हें उपकृत करते हुए उनके दायित्वों को ज्यादा से ज्यादा लाभ लेना चाहती है और विभाग में बैठे याकूब खेस को उनकी कारगुजारीयों के एवज में सामान प्रशासन विभाग से एक और आदेश जारी होता है । जिसमें याकूब खेस को साम न्य प्रशासन विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपने का आदेश जारी होता है इसके साथ ही
नया शब्द विलोपन का आविष्कार करते हुए मंत्रालय में पदस्थ जल संसाधन विभाग के अवर सचिव याकूब खेस ने काफी लंबा चौड़ा खेल खेला न सिर्फ मंत्री को गुमराह किया सचिव को गुमराह किया बल्कि नियम विरुद्ध जाकर शासन द्वारा किए गए स्थानांतरण को रोकने का नया तरीका अपनाकर नई परिपाटी का प्रचलन प्रारंभ कर दिया है
ऐसे में सरकार की कार्यशैली पर और सरकार की कार्यक्षमता पर सवाल उठ रहे हैं भ्रष्टाचार से मुक्त शासन का वादा कर सत्ता मैं आई कांग्रेश के मुख्यमंत्री के साथ-साथ जल संसाधन विभाग के मंत्री की प्रतिष्ठा को भी दांव पर लगाने से अवसर नहीं चूक रहे हैं ऐसा प्रतीत होता है कि पूर्व की सरकार के एजेंटों की तरह मंत्रालय में पदस्थ अधिकारी काम कर रहे हैं और सरकार को इतनी गफलत पर रखे हुए हैं कि सरकार उनके फैसले लेने की क्षमता का गलत आकलन करें उन्हें पुरस्कृत कर रही है या अपनी पीठ थपथपा कर अपने लिए इनाम की ख्वाहिश पाले बैठे अधिकारियों की दिल की मुराद पूरी होती दिख रही है साफ नजर आ रहा है कि किस तरह से बंदरबांट स्थानांतरण के नाम से किया जा रहा है यहां पर सरकार की मंशा को लेकर भी कई सवाल खड़े होते हैं अभी कुछ ही दिन पहले की बात है जब हाईकोर्ट के आदेश को धत्ता बताते हुए कई अधिकारियों को पदोन्नति दे दी गई सामान प्रशासन विभाग द्वारा जल संसाधन विभाग को नोटिस जारी कर सवाल पूछा जाता है और जिस अधिकारी से सवाल पूछा जाता है उसी अधिकारी को सामान प्रशासन विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है सवाल कई हैं लेकिन जवाब नदारद है और उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में भी इन सवालों का जवाब अगर सब कुछ इसी तरह से चलता रहा तो नहीं मिल पाएगा अब देखना यह है की भाग का यह कई अधिकारी छुट्टे सांड की तरह इसी तरह कार्य को अंजाम देता रहेगा या फिर इन पर नकेल कसी जाएगी