जशपुर जलसंसाधन विभाग के अधिकारीयों की करतूत 4:30 करोड़ का का भुगतान बिना सरकार से अनुमोदन लिए ही कर दिया :सरकार को लगाया करोडो रुपय की चपत
जशपुर —जशपुर जिला प्रक्रतिक संसाधनों से पूरी तरह लैस होने के बाद भी अधिकारीयों की कमाई और शराब कबाब का अड्डा बन चुका है ,जहां पल पल अपना स्वार्थ छुपा हुआ है इसी तर्ज पर कुछ अधिकारी अब अपनी गद्दी से चिपक कर बैठे है ,बैठे भी क्यू न उनके ऊपर हाथ और पहुच बड़े बड़े ओहदेदारों और नेताओ से है ,इसी मस्ती में डूबे अधिकारी अब ये समझ चुके है की अब हमारा कोई भी बाल बांका नहीं कर सकता ,सूत्रों की माने तो इस अधिकारी ने कुछ अधिकारी और नेताओं को कुछ ऐसा नज़राना पेश किया है ,जिसके आगे अब किसी की भी नहीं सुनी जा रही ,इस से तो साफ़ जाहिर होता है की ये अधिकारी चार्ज का जिम्मा सौपना तो दूर अपने कार्यालय न जा कर फ़ोकट में सरकार से मलाई खा रहा अब वो भला अपना पूरा काला पीला छोड़कर जाना नहीं चाहता :सूत्रों की माने तो साहब की तबियत काफी रंगीन है सो दिल बहलाने के लिए कुछ ख़ास इंतज़ाम में भी ये महारत हासिल किए हुए है जिसके कारण न तो इनका स्थांतरण होता है न ही किसी की मजाल की इनसे कुछ पूछ सके ,अब यह सवाल तो समय आने पर पता चलेगा की इस अधिकारी ने क्या क्या गुल खिलाए है , आप को बता दे यह सब मामला पहेलिय से निकल जल संसाधन विभाग का है और क्या यहाँ चल रहा इसकी एक लम्बी फेहरिस्त है ,ताजा मामला ये की
क्या है मामला ….
जशपुर जलसंसाधन संभाग कार्यालय में इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है। जल संसाधन विभाग में स्थानान्तरण की लंबी फेहरिस्त में जशपुर कार्यपालन अभियंता डी आर दर्रो का स्थानांतरण भी हुवा , और उनकी जगह विजय कुमार जामनिक को भेजा गया । स्थानांतरण के बाद श्री जामनिक 14 अगस्त को अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के बाद से अब तक उन्हें तत्कालीन कार्यपालन अभियंता द्वारा चार्ज नही दिया जा रहा है। इससे परेशान होकर अब छ ग शासन जल संसाधन विभाग के सचिव सहित अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र प्रेषित किया है।
कार्यालय न आना, दे रहा नए संदेह को जन्म ?
कार्यपालन अभियंता विजय कुमार जामनिक अपने नए पदस्थापना कार्यलय में उपस्थिति तो दे दिया है, लेकिन कार्यपालन अभियंता डीआर दर्रो न तो कार्यलय आ रहे हैं और न ही अपना चार्ज नए अधिकारी को दे रहे है।
उच्चाधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी सब कुछ फुस्स
नव पदस्थ कार्यपालन अभियन्ता विजय कुमार जामनिक के द्वारा श्री दर्रो के द्वारा किये जा रहे कृत्य को लेकर अब सचिव छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग सहित विभाग के दूसरे बड़े अधिकारियो को पत्र प्रेषित कर पूरी घटना की न सिर्फ जानकारी दी गई है बल्कि जशपुर जल संसाधन संभाग में अब तक पदस्थ रहे कार्यपालन अभियंता डीआर दर्रो के द्वारा किये जा रहे नियम विरुद्ध कार्य से भी अवगत कराया है। उन्होंने उच्चाधिकारियों को कार्यभार ग्रहण कराने सम्बंधित दिशा निर्देश जारी करने कहा है। पत्र में हो रहे वित्तीय अनियमितता का भी इशारा किया गया है। जल संसाधन सम्भाग जशपुर के दो योजनाओं का भी उल्लेख किया है।
दस्तावेजो के अवलोकन से निकला भ्र्ष्टाचार का पुलंदा
उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि कार्यालयीन दस्तावेजो का अवलोकन करने पर पाया कि हल्दी मुंडा व्यपवर्तन योजना में व्याप्त भ्र्ष्टाचार व वित्तीय अनियमितता की ओर इशारा करते हुए उल्लेख किया है कि इस योजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति 25 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई थी जिसमें ₹33करोड़ का भुगतान किया गया है 22 अगस्त 2019 तक यानि अब तक 3297.14 लाख का व्यय किया गया है। इसी तरह डूमरटोली एनीकट योजना में पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति 12 करोड़ 40लाख का भुगतान किया गया है इसमें अभी 4:30 करोड़ का का भुगतान बिना सरकार से अनुमोदन लिए ही कर दिया गया हैजबकि इसी योजना के लिए अतिरिक्त प्राक्कलन लागत 459.80 लाख का स्वीकृति के लिए शासन स्तर पर लंबित है। इससे जाहिर होता है कि श्री दर्रो दोनो योजनाओं के डीआईआर में प्रावधानित कार्यो के अतिरिक्त अन्य कार्यो पर व्यय किया जा रहा है।नव पदस्थ कार्यपालन अभियंता विजय कुमार जामनिक द्वारा उच्चाधिकारियों को लिखे पत्र में उल्लेखित तथ्यों पर गौर किया जाए तो तत्कालीन कार्यपालन अभियंता श्री दर्रो के द्वारा योजनाओं में जमकर गफलत बाजी की गई और आगे मोटी मलाई रखी हुई है जिसे छोड़ कर वे जाना नही चाहतें है। नए अधिकारी के आने से उनके द्वारा किये गए वित्तीय अनियमितता की पोल खुल जाएगी।