पीएम आवास का लाभ लेने रोजगार सहायक ने पक्का मकान को बताया कच्चा, ग्रामीणों ने जनदर्शन में डीएम को दी शिकायत, रोजगार सहायक के साथ सचिव ने भी शासन को दी हैं गलत जानकारी
बलौदाबाजार/कसडोल। पंचायती राज्य में शासन के पैसों का बंदरबांट जोरो पर जारी है। इसका यदि जीता-जागता उदाहरण देखना है तो जनपद पंचायत कसडोल की ग्राम पंचायत हसुवा में देखा जा सकता है जहां पर रोजगार सहायक ने शासन की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास में ग्राम के पात्रों को छोड़कर खुद अपने पक्के मकान को कच्चा दर्शाकर राशि स्वीकृत करा ली। लेकिन जब यह मामला मीडिया के सामने आया तब सभी जिम्मेदारों ने गलती से आवास स्वीकृति होना बताया। आखिर सवाल यह उठता है कि जब शासकीय सेवक ही शासन की नियमों के विपरीत कार्य करें तो भला ग्रामीण किस पर भरोसा करें। बहरहाल अब मामला सुर्खियों में आने पर जिम्मेदारों ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। जिसमे अब यहाँ के ग्रामीणों को कार्रवाई का इन्तेजार है।
ये है मामला………..
कसडोल विकासखंड के ग्राम हसुवा में प्रधानमंत्री आवास योजना में गरीब हितग्राही के बजाय ग्राम के ही रोजगार सहायिका ने अपने पिता के नाम फार्म भरकर आवास स्वीकृति करा लिया है। जबकि रोजगार सहायिका का खुद का 5-6 कमरों का पक्का मकान निर्मित है, लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए जमा किये फार्म में कच्चा मकान को दर्शाकर शासन को गुमराह किया। इसके अलावा रोजगार सहायक को ग्राम हसुवा के सचिव एवं पीएम आवास एडीईओ ने भी खूब साथ दिया। जिससे अब स्वीकृति प्रधानमंत्री आवास की सूची नेट पर दिखाई दे रहा है जिसमे रोजगार सहायिका के पिता का नाम स्पष्ठ है वही स्वीकृति आवास की जियो टेकिंग भी हो गया हैं। क्योंकि राशि मिलने वाला हैं। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार अब गलती सार्वजनिक होने के कारण सूची से नाम को हटवाने के लिए रोजगार सहायक एवं सचिव प्रयास कर रहे हैं किंतु शासकीय सेवक होने के बावजूद रोजगार सहायक एवं सचिव ने शासन को गलत जानकारी दिया। जिसपर ग्रामीणों ने दोनों कर्मचारियों को तत्काल कार्रवाई कर विभागीय जांच की मांग की है। विदित हो कि ग्राम हसुवा में कई गरीब हितग्राही निवासरत है जिसे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नही मिल सका हैं जिससे उन्हें खपरैल वाले कच्ची जर्जर मकान में जीवन गुजारने को मजबूर हैं।
इन्होंने की शिकायत
बीते 27 अगस्त को ग्राम के गोरेलाल साहू, रामदुलारी साहू, शैलेश साहू एंव मोतीलाल साहू ने कलेक्टर जनदर्शन में पहुंच कर जिले के संवेदनशील डीएम को पूरे मामले की जानकारी देकर लिखित में शिकायत की। जिसपर डीएम ने तत्काल मामले की जांच के लिए जिला सीईओ को स्थानान्तरित कर दिया। शिकायत में ग्रामीणों ने ग्राम के रोजगार सहायक, सचिव एवं सरपंच को पीएम आवास में स्वीकृत कराने का अहम योगदान बताया। इसके साथ ही शासन को गलत जानकारी देकर शासन को धोखा देना बताया। जिसमे ग्रामीणो ने जिम्मेदारों के ऊपर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इनका कहना है।
रोजगार सहायिका के पिता की पीएम आवास स्वीकृति जनपद से कट चुका है, लेकिन अभी नेट में कैसे दिख रहा इसकी जानकारी नही है।
गैसराम घृतलहरे
सचिव, ग्राम पंचायत हसुवा
जब इस संबंध में जानकारी लेने के लिए रोजगार सहायिका के मोबाइल 9630852269 पर कई बार संपर्क किया गया तो उनके द्वारा कॉल रिसीव नही किया गया।
कमल किशोर शर्मा
इस मामले की मुझे जानकारी नही है।
सरपंच, ग्राम हसुवा
सीईओ सर द्वारा पूरे ग्राम पंचायत में पीएम आवास की जांच के लिए एडीईओ को जिम्मा सौंपा है, ग्राम हसुवा का मामला मेरे संज्ञान में है उसकी किस्त रोकी जा रही है। और आगे एडीईओ के जांच प्रतिवेदन के हिसाब से वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
मिथलेश साहू
ब्लाक समन्वयक
पीएम आवास, जनपद पंचायत कसडोल
पहले पीएम आवास की स्वीकृति एंव जांच पड़ताल ग्राम के सचिव और रोजगार सहायक कर रहे थे जिसके कारण जानकारी नही थी। जानकारी के बाद रोजगार सहायिका के पिता की पीएम आवास स्वीकृति के बाद राशि जारी नही करने की जानकारी ऊपर दे दी गई है।
पुष्पेन्द्र ध्रुव
एडीईओ, जनपद पंचायत कसडोल
आपके माध्यम से जानकारी मिल रहा है, एक शिकायत मेरे पास भी करवा दीजिए। जांचकर उचित एंव अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
*आशुतोष पांडेय*
*सीईओ, जिला पंचायत बलौदाबाजार*