November 23, 2024

गणेश चतुर्थी आज क्या करें खास

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प्रथम पूज्य श्री गणेश आज विराजेंगे और इसके साथ ही त्योहारों का मौसम सा लग जाएगा. हिन्दू धर्म में गणेश जी की सब से पहले पूजा की जाती है और ये सब के जीवन से विघ्नो को दूर करते है. आज से पूरे दस दिनों के लिए गौरी-पुत्र श्री गणेश विराजमान रहेंगे। अनेक नामों से विभूषित किए जाने वाले श्री गणेश हर शुभ कार्य के पहले पूजे जाते हैं ये ऐसे आराध्य हैं, जिनका आह्वान किए बगैर आप कोई भी कार्य शुरू नहीं कर सकते। चाहे वास्तु पूजन, जनेऊ संस्कार, शुभ विवाह, मांगलिक कार्य तथा किसी व्रत का उद्यापन हो, सभी में सबसे पहले श्री गणेश का पूजन अवश्य किया जाना चाहिए। श्री गणेश का सबसे विशिष्ट गुण इनका विघ्न-विनाशक होना है। इनकी जितनी भी स्तुति की जाए कम है।

ऐसे हमारे प्रिय ‘बप्पा मोरया’ के घर आगमन की खुशी में बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी में एक जैसा उत्साह रहता है। आइए जानें इन प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश के पूजन करते समय किन बातों का ध्यान अवश्य रखा जाना चाहिए।

तुलसी दल श्री गणेश को न चढ़ाएं।
जनेऊ न पहनने वाले केवल पुराण मंत्रों से श्री गणेश पूजन करें।
सुबह का समय श्री गणेश पूजा के लिए श्रेष्ठ है, किंतु सुबह, दोपहर और शाम तीनों ही वक्त श्री गणेश का पूजन करें।
यज्ञोपवीत यानी जनेऊ पहनने वाले वेद और पुराण दोनों मंत्रों से पूजा कर सकते हैं।
तुलसी को छोड़कर सभी तरह के फूल श्री गणेश को अर्पित किए जा सकते हैं।
सिंदूर, घी का दीप और मोदक भी पूजा में अर्पित करें।
सिंदूर व शुद्ध घी की मालिश इनको प्रसन्न करती है।
तीनों समय पूजा कर पाना संभव न हो तो सुबह ही पूरे विधि-विधान से श्री गणेश की पूजा कर लें, वहीं दोपहर और शाम को मात्र फूल अर्पित कर पूजा की सकती है।
गणपतिजी का बीज मंत्र ‘गं’ है। इनसे युक्त मंत्र- ‘ॐ गं गणपतये नमः’ का जप सभी कामनाओं की पूर्ति करने में सहायक है।

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