मैडम की मनमानी से स्कूल का भविष्य गर्त में, स्कूल में शिक्षक चला रहे अपनी मनमर्जी, मामला हाई स्कूल हसुवा का
(हेमंत बघेल)
बलौदाबाजार/हसुवा। जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर कसडोल विकासखंड की ग्राम हसुवा में संचालित शासकीय हाई स्कूल के शिक्षकों की मनमानी के कारण समय से पहले ही बच्चों को छुट्टी दे दी जा रही है। जिसके कारण बच्चों का भविष्य गर्त में जाता नजर आ रहा है। यह कोई पहला मामला नही है जब स्कूल प्रबंधन मनमानी करते दिख रहा है इससे पहले भी यह स्कूल समाचार की सुर्खियों में रह चुका है। उल्लेखनीय है कि यह स्कूल हमेशा विवादों में रहना पसंद करता है, चाहे कारण कुछ भी हो। नाम न छापने की शर्त में यहाँ के बच्चों ने बताया कि यहां के शिक्षक हमेशा अपनी मनमानी करते है, समय में स्कूल आते नहीं है, जब मर्जी पड़ते है तब स्कूल आते है जब मर्जी पड़े चले जाते है। इसके साथ ही बच्चों ने कहा कि जब संस्था के प्रमुख ही समय पर नहीं पहुंचते है, तो भला अन्य शिक्षकों की क्या बात करे। यहाँ शिक्षकों की मनमानी के कारण प्रतिदिन समय से पहले छुट्टी देना आम बात हैं। ऐसे में छात्रों का कोर्स पूरा नहीं होना स्वाभाविक है। सूत्रों की माने तो यहाँ शिक्षक अपने रिश्तेदार को लोकल क्लास को निजी स्कूल या शासकीय स्कूल में ही अपने गॉव स्तर पर भर्ती कर अध्यापन कराते है, और जब बोर्ड क्लास की बारी आती है तो इस स्कूल में भर्ती कर अध्यापन कराते है कि नक़ल कराने में सुविधा हो। ज्ञात हो कि बीते वर्ष एक शिक्षिका को परीक्षा के दौरान नक़ल कराती हुई एसडीएम ने पकड़ा था हालांकि एसडीएम ने समझाईस देकर छोड़ दिया था इसीलिए यहाँ के शिक्षको का मनोबल ऊचां है और अभी कई शिक्षक ऐसे है जो की इस स्कूल में दूसरे गॉव के होते हुए भी अपने गॉव स्तर पर अध्यापन न करा कर यही भर्ती कर अध्यापन करा रहे है जो ग्रामीणों में चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार एक तरफ शिक्षा की गुडवत्ता सुधारने को लेकर करोड़ों रूपए खर्च कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ ऐसे शिक्षकों के रवैया के चलते शासन के योजनाओं का पलीता लग रहे है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय कार्यक्रमों में गांव के वरिष्ठ लोगों व जनप्रतिनिधियों को आमंत्रण नहीं देना अपना शान समझते है, इससे ग्रामीण व जनप्रतिनिधि काफी खफा हैं अगर यहां के शिक्षकों का ऐसे ही रवैया रहा तो गाव वाले स्कूल को ताला लगाने बाध्य होंगे। विदित हो की हाईस्कूल हसुवा के शिक्षकों का पूर्व में भी लगातार सिकवा सिकायत हुआ है। जो शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के निष्क्रियता के चलते आज हसुवा स्कूल का ये हाल है l
*इनका कहना है।*
समय से पहले छुट्टी देना गलत है जांच कराकर उचित कार्यवाही की जायेगी
*आर के वर्मा*
*डीईओ, बलौदाबाज़ार*
“विषय ख़त्म होने पर और कोई शिक्षक नहीं आते है , तब की स्थिति में छुटटी दे दिया जाता है।
*पार्वती जायसवाल* *प्राचार्य, शास.उच्च.माध्य. विद्यालय हसुवा*