November 23, 2024

आँख लाल होने पर तत्काल चिकित्सक से ले सलाह

0

रायपुर  मौसमी बीमारियों से बचने साफ-सफाई और सावधानी जरूरी

जोगी एक्सप्रेस 

रायपुर, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा मौसमी बीमारीयों से बचने के लिए आवष्यक सावधानी बरतने को कहा गया है। इसके लिए संक्रमण से बचाव के उपाय भी बताए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिषन के संचालक आर. प्रसन्ना ने आज यहां बताया कि बरसात के दिनों में आंखों के संक्रमण की संभावना अधिक होती है। मौसम परिवर्तन के साथ कीटाणुओं की संख्या बढ़ जाती है, जिसके कारण विषेषकर आँखें लाल होने की समस्या बढ़ जाती है। संक्रमण की बीमारियाँ बढ़ने से कंजंक्टिवाइटिस के रोगी भी बढ़ने लगते हैं। इसे कंजक्टिवाइटिस अथवा आँख आने की बीमारी एवं आँखों का संक्रमण कहा जाता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाली बीमारी है। अतः आवष्यक सावधानी एवं उपाय करना चाहिए। कंजक्टिवाइटिस से बचाव के लिए सभी को सादा चश्मा लगाना चाहिए। आँखों को नहीं छूना चाहिए। साफ पानी से आँखों को धोना चाहिए। रोगी द्वारा उपयोग की हुई वस्तुएं रुमाल, तौलिया आदि उपयोग नहीं करना चाहिए। इतनी सावधानी रखने से कंजंक्टिवाइटिस से काफी हद तक बचा जा सकता है।
आंख आने के प्रमुख लक्षण- आंख आने के प्रमुख लक्षण में आँख का लाल हो जाना है, आँख से चिपचिपा पदार्थ आना, आँख में चुभन होना, आंसू आना और दर्द होता है। इस बीमारी का उपचार एंटीबायोटिक आई-ड्रॉप से किया जा सकता हैं।
उपचार के तरीके- सर्वप्रथम नजदीक के सरकारी अस्पताल के नेत्र रोग विषेषज्ञ से सलाह व उपचार अवष्य कराएं। चिकित्सकों से सलाह कर आइ-ड्रॉप को आँख में 6 बार, तीन दिन तक डालने से यह बीमारी ठीक हो जाती है। आँख को साफ पानी से धोना चाहिए। तीन दिन में ठीक न हो तो पुनः चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए। कभी-कभी यह बीमारी उपचार न कराने पर गंभीर हो सकता है। तीन दिन में यह बीमारी ठीक न हो तो कॉंर्निया में घाव हो सकता है। यह बैक्टीरियल संक्रमण नहीं है। दोनों स्थितियां गंभीर हैं और आँखों की रोशनी को प्रभावित कर सकती हैं। यहाँ तक कि आँख की रोशनी स्थाई रूप से नष्ट हो सकती है। अतः लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। तत्काल चिकित्सक से उपचार कराना चाहिए।
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है यह बीमारी- रोगी की आँखों से जो द्रव्य बहता है उसमें कीटाणु होते हैं। रोगी बार बार आँख को छूता है तो उसके हाथ में कीटाणु आ जाते हैं, फिर वह जिस भी वस्तु को छूता है। कीटाणु वहां पहुँच जाते हैं और जब दूसरे व्यक्ति उस वस्तु को छूते है तो वह भी संक्रमित हो जाता है। यही कारण है कि हाथ मिलाने से तथा भीड़ वाली जगहों सिनेमाघर, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, स्कूल, कॉलेज आदि जगहों में यह बीमारी ज्यादातर फैलती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *