चिरमिरी निशा महिला स्व सहायता समहू ने किया पौधा रोपण:पौधा लगाने की बताई विधि
जोगी एक्सप्रेस
नसरीन अशरफ़ी
चिरमिरी निशा महिला स्व सहायता समहू ने’ वृक्षारोपण महा अभियान की भावना के अनुरूप छत्तीसगढ़ को हरा-भरा बनाने का संकल्प लेने, वही निशा स्व सहायता समूह ने अधिक से अधिक संख्या में पौधे लगाने और लगाए गए पौधों की बेहतर देखभाल करने की भी अपील की है। हमें अपने गांव, अपने शहर, अपने राज्य और अपने देश में हरियाली की रक्षा के लिए जल-जंगल और जमीन की रक्षा करने और अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण करने की प्रेरणा मिलती है। यह हमारे जीवन में ‘हरियाली’ के महत्व को भी प्रदर्शित करता
पौधा लगाने की विधि
निशा महिला स्व सहायता समहू ने जानकारी देते हुए बताया की पौधा गड्ढे में उतनी गहराई में लगाना चाहिए जितनी गहराई तक वह नर्सरी या गमले में या पोलीथीन की थैली में था। अधिक गहराई में लगाने से तने को हानि पहुँचती है और कम गहराई में लगाने से जड़े मिट्टी के बाहर जाती है, जिससे उनको क्षति पहुँचती है।पौधा लगाने के पूर्व उसकी अधिकांश पत्तियों को तोड़ देना चाहिए लेकिन ऊपरी भाग की चार-पांच पत्तियाँ लगी रहने देना चाहिए। पौधों में अधिक पत्तियाँ रहने से वाष्पोत्सर्जन (Transpiration) अधिक होता है अर्थात् पानी अधिक उड़ता है। पौधा उतने परिमाण में भूमि से पानी नहीं खींच पाता क्योंकि जड़े क्रियाशील नहीं हो पाती है। अतः पौधे के अन्दर जल की कमी हो जाती है और पौधा मर भी सकता है। पौधे का कलम किया हुआ स्थान अर्थात् मूलवृन्त और सांकुर डाली या मिलन बिन्दु (Graft Union) भूमि से ऊपर रहना चाहिए। इसके मिट्टी में दब जाने से वह स्थान सड़ने लग जाता है और पौधा मर सकता है।जोड़ की दिशा दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर रहना चाहिए। ऐसा करने से तेज हवा से जोड़ टूटता नहीं है। पौधा लगाने के पश्चात् उसके आस-पास की मिट्टी अच्छी तरह दबा देनी चाहिए, जिससे सिंचाई करने में पौधा टेढ़ा न हो पाए।पौधा लगाने के तुरन्त बाद ही सिंचाई करनी चाहिए। जहाँ तक सम्भव हो पौधे सायंकाल लगाये जाने चाहिए।यदि पौधे दूर के स्थान से लाए गये हैं तो उन्हें पहले गमले में रखकर एक सप्ताह के लिए छायादार स्थान में रख देना चाहिए। इससे पौधों के आवागमन में हुई क्षति पूरी हो जाती हैं। इसके पश्चात् उन्हें गढ्ढों में लगाना चाहिए। तुरन्त ही गढ्ढे में लगा देने से पौधों के मरने का भय रहता है।पौधे जो भी लगाये जाएँ उनमें निम्नलिखित गुण होने चाहिए, यह अत्यन्त महत्वपूर्ण है: पौधे की उम्र कम से कम एक वर्ष होनी चाहिए। दो वर्ष से अधिक उम्र के पौधे भी नहीं लगाना चाहिए, उनके मरने का अधिक भय रहता है।
निशा महिला स्व सहायता समहू में मजीदुन निशा , दीप्ति दास, गुलशन , जुबेदा , परमेश्वरी , राहत खान ,व समूह की महिला उपस्थित रही !