November 24, 2024

सिरोटोनिन के स्तर में कमी आने पर गुस्सा आता है :. क्या गुस्से पर काबू पाया ज सकता है ,जाने कारण और उपाय

0

अमूमन गुस्सा सभी को आता है किसी को कम तो किसी को ज्यदा ,और गुस्से में सिर्फ नुक्सान के सिवाय कुछ भी हासिल नहीं होता ,छोटी छोटी बातो पर गुस्सा होना ,चीजो को फेकना पटकना तोडना ,क्या हासिल होता है गुस्सा कम या ज्यदा करने से इस के वैज्ञनिक प्रमाण तो कम ही मिलते है परन्तु  जो धर्म और ग्रंथो से जानने के बाद निकलता है उसका सार यही है की गुस्सा स्वास्थ मन में नहीं बल्कि कमजोरी में ज्यदा आता है !
ये सभी जानते हैं कि गुस्सा सेहत के लिए खतरनाक होता है, फिर भी लोग गुस्सा करते हैं। खासकर ये गुस्सा जब घर से बाहर आपके दफ्तर तक पहुंच जाता है, तो स्थिति और खराब हो जाती है, इसलिए कोशिश करें कि आप अपने गुस्से पर काबू रखें। हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे टिप्स जिसे अपनाकर आप अपने गुस्से पर काबू पा सकते हैं।
गुस्सा आने की सबसे बड़ी वजह होती है मन का अशांत होना, इसलिए हमेशा अपने मन को शांत रखें इससे आप खुद अपने गुस्से पर काबू पा लेंगे।
अगर आपको गुस्सा आ रहा हो तो खुद पर काबू रखकर 1 से 20 तक की गिनती गिने, आप महसूस करेंगे कि आपका गुस्सा कम हो रहा है।
अगर आपको दफ्तर में किसी के ऊपर गुस्सा आ रहा हो, तो थोड़ी देर के लिए चुप हो जाए क्योंकि कई बार गुस्से में बोलना खतरनाक हो सकता है।
गुस्से की पहचान करना बेहद जरूरी होता है। गुस्से को साक्षी भाव से देखें, गुस्सा खुद ब खुद कम होता जाएगा। गुस्से के बड़े कारण हैं ‘मैं’ का ज्यादा होना। अपने मैं को कम करें और प्रेम बढ़ाएं।

वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगा लिया है कि हमें भूख लगने के साथ ही साथ गुस्सा क्यों आने लगता है। व्यक्ति के दिमाग में सिरोटोनिन हार्मोन के स्तर में होने वाला बदलाव दिमाग के उस हिस्से पर प्रभाव डालता है, जो गुस्से को नियंत्रित करता है। यह बदलाव तब होता है जब कोई व्यक्ति भूखा या तनाव में होता है।

यूनिवर्सिटी आॅफ कैब्रिज में हुए अध्ययन में यह दावा किया गया है। इससे पहले माना जाता है कि सिरोटोनिन के स्तर में कमी होने पर व्यक्ति को गुस्सा आने लगता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि ऐसा जीवविज्ञान की परस्पर क्रिया , व्यक्तित्व और आसपास के माहौल की वजह से होता है।
अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ केरोलाइना की एक डॉक्टर छात्रा जेनीफर मैकोर्माक ने बताया , “हम सभी जानते हैं कि भूखा महसूस करने से कभी – कभी हमारी भावनाएं और दुनिया को लेकर हमारे विचार भी प्रभावित होते हैं। हाल ही में ‘ हैंगरी ‘ शब्द ऑक्सफोर्ड शब्दकोष ने स्वीकार किया है , जिसका मतलब होता है कि भूख की वजह से गुस्सा आना।”

‘ इमोशन ‘ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन की मुख्य लेखक मैकोर्माक ने बताया , “हमारे अनुसंधान का उद्देश्य भूख से जुड़ी हुई भावनात्मक स्थितियों का मनोवैज्ञानिक तरीके से अध्ययन करना है। जैसे कि कोई कैसे भूखा होने के साथ ही गुस्सा भी हो जाता है।”

उन्होंने बताया कि इस संबंध में 400 से ज्यादा लोगों पर किए गए अनुसंधान में पता चला है कि सिर्फ माहौल ही इस बात पर असर नहीं डालता है कि क्यों कोई भूखे होने से गुस्सा हो जाएगा। यह लोगों के भावनात्मक जागरुकता के स्तर से भी तय होता है। वे लोग जो इस बात के प्रति अधिक जागरूक होते हैं कि उन्हें भूख लगी है या नहीं , ऐसे लोगों में गुस्सा होने की संभावना कम होती है।

अब पहली बार यह बताया गया कि यह रसायन किस प्रकार व्यक्ति के व्यवहार पर प्रभाव डालता है। इससे यह भी पता लगा है कि कुछ लोग गुस्से में कैसे अपना आपा खो बैठते हैं। इस अध्ययन को बायोलाॅजीकल साइकेट्री में प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन से वैज्ञानिक क्रोध को नियंत्रित करने वाली प्रभावी दवाओं और उपायों को विकसित कर सकेंगे।

अगर आप अपने गुस्से को काबू में नहीं रख पाते, तो इससे..

आपका ही नुकसान है .

आपका स्वास्थ्य खराब होता है..

आपके मस्तिष्क को हानि पहुँचती है.

आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है,

आइये जाने गुस्से को काबू में करने के कुछ गुण:

1.बात करते वक़्त, अगर वाद-विवाद की संभावना दिखे तो खुद को तर्क से दूर रखिये ।

2.गुस्से को शांत करने के लिए अच्छा गाना गायें या सुनें (जो आपको पसंद हो)

3.अच्छी चीज़ें सोचें, जो चीज़ें आपको ख़ुशी देती है।

4.क्रोध को कम करने के लिए बातचीत बंद करें, और खाने में जो चीज़ पसंद है, उसे स्वयं के लिए बनाना शुरू करें, तो कुछ ही समय में आप क्रोध को भूल जायेंगे ।

5.योगा, हमारे शरीर और मन की संतुलन को ठीक रखने में हमारी मदद करता है। हर रोज़ योगा का और मैडिटेशन का प्रयास, क्रोध को नियंत्रण करने में बहुत हद तक मदद करता है।

फोटो :क्रेडिट बाय :गूगल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *