आप मोटापा से परेशान हो तो , करें परवल का इस्तेमाल और देखे आश्चर्यजनक नतीजे कुछ ही दिन में
परवल भारत के लगभग हर प्रदेश में सब्जी के तौर पर खाया जाता है, दिखने में यह कुंदरू की तरह होता है, लेकिन आकार में कुछ बड़ा सा होता है। सब्जी बाजार में परवल लगभग सभी मौसम में बिकते हुए देखा जा सकता है। भले ही शहरी लोग शायद इसके औषधीय गुणों से परिचित नहीं हैं, लेकिन सब्जियों के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाला परवल आदिवासियों के लिए किसी चमत्कारिक असरदार औषधि से कम नहीं है। चलिए आज जानते है किस तरह भारतीय आदिवासी परवल को अपने स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए उपयोग में लाते हैं।
इसका वानस्पतिक नाम ट्रायकोसेन्थस डायोका है और अंग्रेजी भाषा में इसे पोईंटेड गोर्ड कहते हैं। अक्सर कई फलों और सब्जियों का अलग-अलग मौसम में सेवन करना वर्जित माना जाता है, लेकिन सेहत के लिए उत्तम गुणों से भरपूर होने की वजह से आदिवासी परवल को साल भर सेवन करने के लिए अच्छा मानते हैं।
1. परवल और हरा धनिया की पत्तियों की समान मात्रा यानी दोनों 20 ग्राम मात्रा मे लेकर कुचल लें। इसे थोड़े पानी में रातभर के लिए भिगो दें। सुबह छानकर तीन हिस्से कर हर हिस्से में थोड़ा सा शहद डालकर दिन में 3 बार रोगी को देने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
2. परवल का जूस बनाकर उसमें थोड़ी मात्रा में सौंफ और हींग का पाउडर मिला लें। इसे रोजाना थोड़ी मात्रा में पीने से मोटापा दूर होने लगता है।
3. सिर का दर्द होने पर परवल के रस का लेप करने से सिर का दर्द दूर हो जाता है। परवल के फलों को कुचलकर रस निकाल लें और उसे माथे पर लगाएं। ज्यादा दर्द होने पर परवल पत्तियों को तोड़कर उनका भी रस तैयार कर उपयोग में लाया जा सकता है। जड़ों का रस भी सिर दर्द में राहत दिलाने के लिए प्रचलित है।
4. परवल की सब्जी खाने से पेट की सूजन दूर हो जाती है। जिन लोगों को अक्सर पेट में पानी भर जाने की शिकायत हो उनके लिए परवल वरदान है। आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार अक्सर परवल की सब्जी खाते रहने से पेट से जुडी अनेक समस्याओं में आराम मिलता है।
5. परवल के पत्तों को पीसकर मवाद युक्त फोड़ों, फुंसियों और घावों पर लेप करने से ये जल्दी सूख जाते हैं। यदि शरीर में फोड़े -फुंसियां हो जाएं तो कम मसालों से तैयार की गई परवल की सब्जी को पंद्रह दिनों तक लगातार खाने से आराम मिल जाता है। आदिवासियों के अनुसार परवल खून साफ करने के लिए बेहद कारगर होता है।
6. पातालकोट के आदिवासी मानते है कि परवल के पके फल खाने से त्वचा के सभी रोग खत्म हो जाते हैं। मध्यभारत में आदिवासी परवल का अचार तैयार करते हैं। माना जाता है कि परवल का अचार स्वादिष्ट होने के साथ ऊर्जा भी देता है।
7. अपचन या किसी वजह से पेट की सफाई जरूरी हो तो परवल की जड़ों को पानी में उबाल लें। इसका एक गिलास मात्रा में रस पेट की सफाई के लिए लें। डांग- गुजरात के आदिवासियों के अनुसार इस फार्मुले का सेवन रात को सोने से पहले करना चाहिए।
स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं और उनके निवारण के संदर्भ में रोचक जानकारियों और परंपरागत हर्बल ज्ञान का जिक्र कर रहे हैं डॉ. दीपक आचार्य (डायरेक्टर-अभुमका हर्बल प्रा. लि. अहमदाबाद)। डॉ. आचार्य पिछले 15 सालों से अधिक समय से भारत के सुदूर आदिवासी अंचलों, जैसे पातालकोट (मध्य प्रदेश), डांग ( गुजरात) और अरावली (राजस्थान) से आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक विज्ञान की मदद से प्रमाणित करने का कार्य कर रहे हैं।
साभारःगजब दुनिया
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