कोरिया : छत्तीसगढ़ पहला राज्य, जहां पांच हार्सपावर तक के पम्पों को दी जा रही है निःशुल्क बिजली-डॉ.सिंह :
आकाशवाणी से ‘रमन के गोठ’ की 23वीं कड़ी प्रसारित
जोगी एक्सप्रेस
कोरिया प्रदेस के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की मासिक रेडियो वार्ता रमन के गोठ की 23वीं कड़ी को भी विगत 22 कडियों की भांति जिले लोगों ने तल्लीनतापूर्वक सुना। इसी कडी में मुख्यमंत्री डॉ. सिंह की मासिक रेडियो वार्ता रमन के गोठ को सुनने के लिए जिला मुख्यालय स्थित नगर पालिका परिशद बैकुण्ठपुर के सभाकक्ष में व्यापक व्यवस्था की गई थी। जहां नगर पालिका परिशद बैकुण्ठपुर के अध्यक्ष अषोक जायसवाल, आम नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, छात्रावासी छात्र-छात्राओं के साथ कलेक्टर नरेंद्र कुमार दुग्गा ने भी रमन के गोठ को उत्साहपूर्वक सुना। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह की मासिक रेडियो वार्ता रमन के गोठ की 23वीं कड़ी का प्रसारण आज प्रातः 10.45 बजे से 11.05 बजे तक आकाशवाणी के सभी केन्द्रों के माध्यम से किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ पहला राज्य है, जहां 5 हार्सपावर के पम्पों तक निःशुल्क विद्युत प्रदाय की सुविधा दी गई है। डॉ.सिंह ने कहा कि प्रति पम्प 7 हजार 500 यूनिट तक निःशुल्क बिजली हर साल दी जा रही है। इससे प्रति किसान औसतन 31 हजार रुपये का वार्षिक लाभ मिल रहा है। अनुसूचित जाति जनजाति के किसानों को प्रति किसान औसतन 50 हजार रुपये का लाभ इस योजना से मिल रहा है। इतना ही नहीं, जहां परंपरागत बिजली देना संभव नहीं, वहां ‘‘सौर सुजला योजना’’ के माध्यम से दो वर्षों में 51 हजार सोलर पम्प देने की योजना शुरू की गई है। इस योजना में 3 लाख से 5 लाख रूपये मूल्य का पम्प किसानों को केवल 7 हजार से 20 हजार रूपये तक में दिया जा रहा है। 12 हजार किसानों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। इसी तरह डॉ.सिंह ने कहा कि लघु एवं सीमांत किसानों को स्प्रिंकलर के लिये 11 हजार 800 रूपए तथा अन्य किसानों को 7 हजार 800 रूपए का अनुदान दिया जा रहा है। इसी तरह ’’ड्रिप’’ के लिये भी 40 हजार से 60 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर तक अनुदान दिया जा रहा है। माइक्रो-एरीगेशन के लिए नाबार्ड से 193 करोड़ रूपये का ऋण लेकर बड़े पैमाने पर सिंचाई सुविधा देने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि हरियर छत्तीसगढ़ अभियान के तहत राज्य को और अधिक हरा भरा और पर्यावरण संरक्षण एवं संर्वधन के लिए इस महीने की 20 तारीख को वृक्षारोपण समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान के तहत राज्य में आठ करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होने इस अभियान को सभी जिलों, तहसीलों, विकासखण्डों और पंचायतों में त्यौहार के रूप में मनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस बार खरीफ मौसम में प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर के रकबे में विभिन्न फसलों की बोनी का लक्ष्य है। इसमें से 36 लाख 50 हजार हेक्टेयर में धान, चार लाख हेक्टेयर में दलहन, तीन लाख हेक्टेयर में तिलहन और लगभग डेढ़ लाख हेक्टेयर में साग-सब्जी तथा गन्ना आदि की फसल लगाने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने अच्छी फसल से किसानों के घर खुशियों की बरसात होने की कामना की। डॉ. सिंह ने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए इस वर्ष खरीफ के लिए सात लाख 45 हजार क्विंटल बीजों के साथ-साथ दस लाख 65 हजार मीटरिक टन खाद का भी इन्तजाम किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि किसानों को पहले खेती के लिए 14 प्रतिशत ब्याज पर ऋण लेना पड़ता था। ऊंची दर होने के कारण वे ब्याज पटाने के चक्कर में परेशान रहते थे और डिफाल्टर होने से उनकी प्रगति रूक जाती थी। मंहगे कर्ज के दुष्चक्र को तोड़ दिया गया है। अब लगातार ब्याज दर कम हुई है और किसानों को बिना ब्याज के अल्पकालीन कृषि ऋण दिया जा रहा हैं, जिसका लाभ हर साल ग्यारह लाख किसानों को मिल रहा है। राज्य में किसान पहले सिर्फ 150 करोड़ रूपए का ही ऋण लेते थे, लेकिन ब्याज मुक्त ऋण मिलने के बाद धीरे-धीरे परिवर्तन आया और आज किसान तीन हजार करोड़ रूपए से अधिक कृषि ऋण उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में एक हजार 989 उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी की व्यवस्था की गई है। विगत 13 वर्षों में 6 करोड़ 22 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया और किसानों को करीब 64 हजार 730 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया। कृषि लागत कम करने के उपाय, अच्छी फसल, खरीदी की शानदार व्यवस्था आदि के कारण किसानों में समृद्धि बढ़ी है।
डॉ. सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना’’ के तहत नदी, नालों के किनारे 29 हजार से अधिक सेलो ट्यूबवेल का खनन किया गया है, साथ ही 15 करोड़ रूपए की लागत से 185 चेक डेम का निर्माण किया गया है। ’किसान समृद्धि योजना’’ के तहत वर्ष 2016-17 में 5 हजार किसानों के खेतों में 14 करोड़ रूपए की लागत से नलकूप का खनन किया गया है। ’’शाकम्भरी योजना’’ में लघु सीमांत कृषकों को 8 हजार 300 कूप खोद कर दिए गए तथा 1 लाख 86 हजार से अधिक पंप दिए गए। मुख्यमंत्री ने ’रमन के गोठ’ में कहा कि खरीफ क्रांति विस्तार योजना’’ में 4 लाख 76 हजार कृषकों को 108 करोड़ रूपये की लागत से बीज, फसल प्रदर्शन, एकीकृत कीटनाशक, बोरवेल, कृषि यंत्र आदि का लाभ दिया गया है। किसानों को 58 लाख रूपये से अधिक निःशुल्क खसरा एवं नक्शा की प्रतिलिपि दी गई है। प्रदेश का सिंचित रकबा 22 प्रतिशत से बढ़कर 34 प्रतिशत हो गया है। ’’अभियान लक्ष्य भागीरथी’’ के तहत 106 पुरानी तथा अपूर्ण योजनाओं को पूर्ण करने से 51 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में नवीन सिंचाई क्षमता बनी है। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में जल की मांग और उपलब्धता के अंतर को कम करने के लिए जिला तथा राज्य स्तरों पर अलग-अलग सिंचाई योजना तैयार की गई है। वर्ष 2019 तक इन योजनाओं में 42 हजार 625 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता सृजित होगी। डॉ. सिंह ने कहा कि देश में पहली बार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ शुरू करके जो क्रान्तिकारी पहल की थी, उसका भरपूर लाभ छत्तीसगढ़ के किसानों को मिल रहा है। प्रदेश में धान सिंचित, धान असिंचित, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, अरहर, मूंग, उड़द, उद्यानिकी फसलों जैसे केला, पपीता, अमरूद, टमाटर, भाटा, मिर्ची, अदरक, पत्तागोभी, फूलगोभी, प्याज आदि को भी बीमा के दायरे में लाया जा चुका है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत विगत वर्ष खरीफ तथा रबी फसल को मिलाकर राज्य में 16 लाख से अधिक किसानों को लाभ दिया गया है। जिसके लिए कुल 340 करोड़ रूपये की राशि प्रीमियम के रूप में सरकार द्वारा दी गई। इस अवसर पर बैकुण्ठपुर नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी राकेश शर्मा भी मौजूद थे।