छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार किसान दम्पत्तियों के एक सौ एक जोड़ों ने सामूहिक उपवास रखकर पौधे रोपे
पर्यावरण के प्रति संवेदनशील किसानों ने किया वृक्षारोपण ;उपस्थित किसानों ने संकल्प लिया रोपे गये पौधे का संरक्षण एवं संवर्धन भी करेंगे
रायपुर ,छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के आह्वान पर ग्राम पंचायत और वृहत्ताकार सेवा समिति के सहयोग से ग्राम नगपुरा में वृक्षारोपण का वृहद कार्यक्रम आयोजित किया गया, कार्यक्रम इस मायने में अनूठा रहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार किसान दंपत्तियों के एक सौ जोड़ों ने सामूहिक उपवास रखकर पौधे रोपे
कार्यक्रम स्थल में मेला जैसा दृश्य था आस पास के गांव के महिला और पुरूष किसान बड़ी संख्या में परिवार सहित वृक्षारोपण कार्यक्रम में शामिल होने आये थे, कार्यक्रम की शुरूवात सावन के पवित्र महीने में भोलेशंकर की पूजा करके किया गया, किसानों के मनोरंजन के लिये ग्रामीण भजन मंडलियों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किये , हवन भी किया गया
कार्यक्रम के शुरूवात में छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान के अध्यक्ष आई के वर्मा, राजकुमार गुप्त, पूर्व मंत्री जागेश्वर साहू , झबेंद्र भूषण वैष्णव, कृषि के लिये पुरस्कृत रोहित साहू आदि ने अपने संबोधनों में संभाग में अनावृष्टि के कारण कृषि की गंभीर स्थिति के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि किसान सिर्फ समर्थन मूल्य और बोनस जैसी आर्थिक बातों से ही सरेकार नहीं रखते बल्कि पानी और पर्यावरण के प्रति भी संवेदनशील हैं और अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी समझते हैं जिसका प्रमाण आज आयोजित वृक्षारोपण का कार्यक्रम है , सेवानिवृत्त शिक्षक देवांगन ने गीत के माध्यम से पानी का महत्व बताते हुए सचेत किया कि पानी को सहेजने के लिये हम आज सचेत नहीं हुए तब एकदिन ऐसा आयेगा जब नहाने के लिये पानी उपलब्ध नहीं होगा और हमें गीले कपड़े से बदन पोछकर काम चलाना पड़ेगा
कार्यक्रम की समाप्ति पर उपवास का पारणा किया गया, कार्यक्रम स्थल में लगभग 2 सौ पेड़ लगाये गये लगभग 3सौ पौधे किसान अपने अपने घरों में लगाने ले गये , वृक्षारोपण करने के लिये उद्यानिकी विभाग ने फलदार और वन विभाग ने छायादार पेड़ों के लगभग 5 सौ पौधे उपलब्ध कराया था। जोड़े में गिरिश/आशा ,रुपेंद्र दिल्लीवार/पूनम, झड़ीराम/सोहद्री बाई ,मुकुन्द/मोतिम ,राजकुमार/अमृत ,बिसौहा/बिशो ,संतोष/रामकली ,इंदे लाल/सुमित्रा ,बिष्णु/बिसाहिन ,बंशी/रूखमणी अन्य दंपत्ती एवं महिला ,पुरूष किसान उपस्थित थे।