शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालयों की स्थिती सुधारने ध्यान दे एआईसीटीई – अरुण पाण्डेय
रायपुर । छत्तीसगढ़ राज्य के पांच इंजीनियरिंग व तकनीकी महाविद्यालय समेत देशभर के कुल 78 संस्थान इसी शैक्षणिक सत्र में बंद कर दिये जायेंगे।ऑल इंडिया काउंसिल फ़ॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) द्वारा इन महाविद्यालयों में विद्यार्थियों इन विषयों में रुचि नही लेने के कारण प्रवेश कम होना व इन महाविद्यालयों में फंड की कमी को कारण बताते हुए इन महाविद्यालयों को बंद करने का निर्णय किया जा रहा है।शिवसेना के युवा इकाई के प्रदेश सचिव अरुण पाण्डेय ने इस तरह से बीच सत्र में शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने के निर्णय को विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई है।अरुण पाण्डेय ने एआईसीटीई को आड़े हाथों लेते सीधा आरोप लगाया हैकि राज्य सहित देशभर में कई उच्च स्तरीय इंजीनियरिंग व तकनीकी महाविद्यालयों के संचालन के बावजूद निजी शैक्षणिक संस्थानों को मान्यता दे देने के कारण ही यह स्थिती उत्पन्न हो रही है।इन निजी महाविद्यालयों के कारण विद्यार्थियों व अभिभावकों को शिक्षा हेतु मोटी रकम भी चुकानी पड़ती है, एवं शिक्षा का व्यवसायीकरण का दौर भी यही से आरंभ हुआ है।निजी शैक्षणिक संस्थानों के द्वारा लुभावने विज्ञापन व अन्य तामझाम से अपने बच्चों के बेहतर भविष्य निर्माण हेतु अभिभावक इस तरफ आकर्षित होकर अपनी जमा पूंजी लगाकर बच्चों का प्रवेश कराते हैं।शिवसेना के युवानेता अरुण पाण्डेय ने इंजीनियरिंग व तकनीकी क्षेत्र के समस्त निजी महाविद्यालयों की मान्यता समाप्त करके शासकीय क्षेत्र के महाविद्यालयों के सुविधाओं के विकास पर खर्च करें, ताकि गरीब तबके, मध्यम वर्ग के बच्चों को भी बेहतर तकनिकी शिक्षा प्राप्त करने का समान अवसर प्राप्त हो सके।