सरकार की वादाखिलाफी के चलते कृषक मोहन राम निराला ने की आत्महत्या- बृजमोहन
छत्तीसगढ़ विधानसभा में ध्यानाकर्षण सूचना के दौरान बृजमोहन अग्रवाल ने उठाया कर्ज माफी और किसान आत्महत्या का मुद्दा।
रायपुर-छत्तीसगढ़ विधानसभा में ध्यानाकर्षण सूचना के दौरान रायपुर दक्षिण विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने किसानों की कृषि ऋण माफी और आत्महत्या का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि जून 2019 में जशपुर जिले के दुलदुला थाना क्षेत्र के चराई डांड निवासी किसान मोहन राम निराला ने कृषि ऋण किसान क्रेडिट कार्ड से लिया था। ऋण माफ नहीं होने के कारण उसने आत्महत्या कर ली। सरकार 35 लाख किसानों से कर्ज माफी का वादा कर सत्ता में आई है। यहां किसान आत्महत्या कर रहे हैं, डिफाल्टर घोषित हो रहे हैं। राष्ट्रीय कृत बैंकों से भी कर्ज माफी की घोषणा सरकार द्वारा की गई परंतु राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण किसानों के ऋण का भुगतान नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 80% से अधिक किसान सीमांत एवं लघु किसान हैं जो खेती-बाड़ी के दिनों में बैंकों से ऋण लेने के लिए बाध्य होते हैं। बोवाई के लिए खाद, बीज,कीटनाशक और अन्य कार्यों के लिए किसानों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। आज प्रदेश के किसान स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं। अब सरकार के प्रति किसानों का आक्रोश सड़क दिख रहा है।
बृजमोहन ने सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम द्वारा दिए जा रहे जवाब पर कहा कि कितनी शर्मनाक बात है कि कर्ज माफी नहीं होने के कारण एक किसान ने आत्महत्या करने मजबूर होना पड़ा बावजूद मंत्री स्वीकार करने को तैयार नहीं है। मृतक ने व्यवसायिक बैंक से 3 लाख लोन लिया था। जिसमें से 93 हजार माफ़ किया गया। ग्रामीण बैंक से 1लाख का ऋण था, जिसमें 93400 माफ किया गया। प्रदेश की सरकार पूरे कर्ज माफ करने की बात करती है। परंतु यहां पूरा कर्जा माफ नही हुआ है। सरकार की बातों पर किसान ने भरोसा किया था। ऐसे में किसान की आत्महत्या की दोषी भी सरकार ही हैं।
बृजमोहन ने कर्ज माफ करने के बाद किसानों को प्रमाण पत्र नहीं देने पर भी सवाल उठाए और पूछा कि कब तक किसानों को केसीसी का प्रमाण पत्र दे दिए जाएंगे। जवाब में सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि 1797 करोड़ रुपए किसानों का कर्ज माफ हुआ है। उसमें से बारह लाख किसानों का वितरण हो चुका है। शेष वितरण जारी है। बृजमोहन ने कहा कि 2 लाख 73 हज़ार किसानों को व्यवसायिक बैंकों से 2441 करोड़ रुपए का ऋण दिया गया है पर व्यवसायिक बैंकों में अभी सिर्फ 899 करोड रुपए जमा किए गए हैं। व्यवसायिक बैंकों में 1542 करोड़ रुपए जमा नहीं किए हैं और उसके कारण किसानों को अब कर्ज नहीं मिल रहा है। किसान परेशान हो रहे है ।बृजमोहन ने कहा कि किसानों से वादा कर मुकर जाना सरकार के लिए लज्जा का विषय है। सिर्फ कोई घोषणाएं हो रही है।